टोल प्लाजा पर चालकों के साथ होती है अभद्रता, अच्छे आचरण वाले कर्मचारियों की हो तैनाती: एसपी

--खस्ताहाल टोल मार्गों पर गड्ढे होने पर एनएचएआई अधिकारियों को डीसी ने चेताया -लघु सचि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Aug 2022 11:38 PM (IST) Updated:Thu, 25 Aug 2022 11:38 PM (IST)
टोल प्लाजा पर चालकों के साथ होती है अभद्रता, अच्छे आचरण वाले कर्मचारियों की हो तैनाती: एसपी
टोल प्लाजा पर चालकों के साथ होती है अभद्रता, अच्छे आचरण वाले कर्मचारियों की हो तैनाती: एसपी

--खस्ताहाल टोल मार्गों पर गड्ढे होने पर एनएचएआई अधिकारियों को डीसी ने चेताया

-लघु सचिवालय स्थित सभागार में हुई वीरवार को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक

जागरण संवाददाता, जींद।

लघु सचिवालय स्थित सभागार में वीरवार को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। इसमें एसपी नरेंद्र बिजरानिया ने टोल प्लाजा पर वाहना चालकों के साथ होने वाले अभद्र व्यवहार पर एनएचएआई अधिकारियों को निर्देश दिए कि टोल पर अच्छे आचरण वाले सभ्य कर्मचारियों की तैनाती हो। यदि कोई कर्मचारी बिना चरित्र जांच के अगर टोल पर कोई कर्मी मिलता है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कई बार टोल कर्मी वाहन चालकों पर गलत तरीके से टूट पड़ते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। वहीं डीसी डा. मनोज कुमार ने टोल मार्गों पर बने गड्ढों को लेकर अधिकारियों को चेताया। उन्होंने कहा वर्षा का समय जा चुका है। अब इन मार्गों को ठीक किया जाए।

सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में रखे गए एजेंडा में अधिकारियों पूछा कि सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौत कैसे हो रही हैं। इस पर बताया कि सड़क किनारे उगी झाड़ियों के कारण वाहन नहीं देखने या अचानक सड़क पर व्यक्ति आने के कारण हादसे हो रहे हैं। इस पर डीसी डा. मनोज कुमार ने कहा कि सड़कों के साथ लगते पेड़ों व झाड़ियों को जल्द हटवाएं इनसे दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। जिला की सभी सड़कों पर आवश्यकता अनुसार स्पीड ब्रेकर बनवाएं और जरूरत के अनुसार सांकेतिक चिह्न भी लगाए जाएं।

डीसी व अन्य सदस्यों ने नरवाना राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने गड्ढों को मामला उठाया तो एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि वर्षा के कारण यह मार्ग टूट गए हैं। अब वर्षा का समय समाप्त हो गया है, इनको ठीक करवाया जाएगा।

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सप्ताह में एक बार जरूर करें सड़क का निरीक्षण

इस दौरान डीसी ने एनएचआई के इंजीनियरिग अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सप्ताह में एक बार जिला से निकलने वाले सभी राजमार्गों का निरीक्षण जरूर करें। मार्ग में आने वाली कमियों को तुरंत दुरूस्त करवाएं। इसकी रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह भेजें। उन्होंने राजमार्ग पर बनाए गए प्वाइटों पर रात के समय रोशनी की व्यवस्था करवाने के भी निर्देश दिए।

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24 स्थानों पर हुए छह या इससे अधिक हादसे, 100 की गई जान

बैठक में जिला परिवहन अधिकारी द्वारा बताया कि एक साल में जिले में करीब 450 हादसे हुए हैं। वहीं जिले में 24 ऐसे स्थान हैं, जहां पिछले तीन साल में छह या इससे अधिक हादसे हुए हैं। इनमें 100 लोगों की जान गई और 201 लोग जख्मी हुए हैं। अब प्रशासन इन स्थानों पर हादसों की संख्या घटान व हादसों को पूरी तरह से समाप्त करने की कार्ययोजना तैयार कर रहा है।

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16 नए दुर्घटना संभावित क्षेत्र चिन्हित

बैठकके एजेंडा में नए दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के बारे में भी जानकारी दी गई। जिले में 16 नए ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है। इन स्थानों पर चार या इससे अधिक घुर्टनाएं हो चुकी हैं। सबसे अधिक दुर्घटना डूमरखां कलां के पास हुई हैं। यहां 12 दुर्घटना हुई और 12 ही लोगों की जान गई। दस लोग जख्मी हुए हैं। इसके अलावा पिडारा आरओबी पर 11 दुर्घटना हुई। यहां तीन लोगों की जान गई और 15 लोग घायल हुए। ढाकल मोड़ पर दस दुर्घटना हुई हैं। यहां छह लोगों की जान गई और 13 जख्मी हुए हैं।

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