फसल अवशेष जलाए बगैर सीधे बिजाई से समय और धन दोनों की बचत
जागरण संवाददाता, जींद : दैनिक जागरण की मुहिम पराली नहीं जलाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे के तहत
जागरण संवाददाता, जींद : दैनिक जागरण की मुहिम पराली नहीं जलाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे के तहत बृहस्पतिवार को बड़ा बीड़ वन के पास किसान भीम¨सह, सत्यवान व सतपाल के खेत में फसल अवशेष को जलाए बगैर सीधे गेहूं बिजाई का डेमो दिखाया गया। कृषि विभाग से सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक सुमन ने इस दौरान किसानों को सीधे बिजाई के फायदों व विभाग की अन्य योजनाओं के बारे में बताया। सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक सुमन ने बताया कि किसानों की शिकायत रहती है कि फसल अवशेष को जलाए बगैर जमीन की जुताई में समय व पैसा दोनों ज्यादा लगते हैं। जबकि फसल अवशेष को बगैर जलाए या काटे भी जल्दी बिजाई करके ज्यादा उत्पादन लिया जा सकता है। ये बताने के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रत्येक गांव में हैप्पी सीडर से बिजाई करके डेमो दिखाया जा रहा है। दो से तीन फीट ऊंचे फसल अवशेष के बीच से भी हैप्पी सीडर आसानी से गेहूं की बिजाई कर देती है। वहीं पारंपरिक तरीके से जुताई व बिजाई में ज्यादा समय लगता है। खेत में जो बड़े फसल अवशेष रह जाते हैं, हैप्पी सीडर उनको बारीक काट कर जमीन में बिखेर देती है। इससे जमीन में लंबे समय तक नमी बनी रहती है। साथ ही फसल अवशेष के गलने से उसकी खाद भी तैयार हो जाती है। इससे उत्पादन भी 10 से 15 फीसद तक बढ़ जाता है। मौके पर मौजूद किसानों ने भी माना कि हैप्पी सीडर से गेहूं की बिजाई आसान है। जबकि वे जुताई करके बिजाई करते थे, तो उसमें काफी ज्यादा समय लगता है। पहले जुताई करके उसमें ¨सचाई करने व उसके बाद दोबारा जमीन तैयार करके बिजाई में 15 से 20 दिन का समय निकल जाता था। सीधे बिजाई करने में एक घंटे से भी कम समय लगता है।
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लगता था ज्यादा समय
किसान राजेश ने बताया कि वह ठेके पर जमीन लेकर खेती करता है। धान कटाई के बाद फसल अवशेष की वजह से जमीन तैयार करने में ज्यादा समय लगता था। कृषि अधिकारियों ने खेत में हैप्पी सीडर से बिजाई करके दिखाई, तो सीधे बिजाई के फायदे समझ आए।
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यही विधि अपनाएगा
किसान करतार ¨सह ने बताया कि उसने सारी धान की फसल कंबाइन से कटाई है। हैप्पी सीडर से एक घंटे से भी कम समय में प्रति एकड़ गेहूं की बिजाई हो गई। इसमें धन व समय दोनों की बचत हुई। वह आगे से इसी तरह गेहूं की बिजाई करेगा, जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ेगी।