किसानों को मिले न्यूनतम समर्थन मूल्य : वजीर निडानी

किसानों ने सरकार से मांग की कि उनकी फसलों के वाजिब दाम मिलने चाहिएं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 10:30 AM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 10:30 AM (IST)
किसानों को मिले न्यूनतम समर्थन मूल्य : वजीर निडानी
किसानों को मिले न्यूनतम समर्थन मूल्य : वजीर निडानी

किसानों को उनकी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। जब तक फसल किसान के पास होती है, तब तक फसलों के भाव बुरी तरह से पिटते हैं। लेकिन जैसे ही किसान के हाथ से फसल निकल आढ़ती और व्यापरियों के पास जाती है, उसके तुरंत बाद फसलों के रेट बढ़ जाते हैं। वह मांग करते हैं किसानों को उनकी फसलों के वाजिब दाम मिलने चाहिएं। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए। खेती की लागत, पारिवारिक मजदूरी, भूमि की कीमत जोड़ने के बाद उसके ऊपर 50 फीसद लाभ दिया जाए।

--वजीर निडानी, किसान।

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क्रेडिट कार्ड कम ब्यज सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख हो : विकास बूरा

बजट से किसानों को उम्मीद है कि वह फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने वाला, फसल खरीद की गारंटी सुनिश्चित करने वाला हो। बजट में सभी किसानों के कर्जमाफ हों। किसान क्रेडिट कार्ड कम ब्याज की सीमा को तीन लाख रुपये को बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जाए। कर्ज के कारण आत्महत्या करने वाले परिवारों की आर्थिक मदद के लिए राष्ट्रव्यापी नीति बनाई जाए।

--विकास बूरा, किसान।

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पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त को बढ़ाया जाए : दलबीर

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को जो सालाना छह हजार रुपये मिलते हैं, इस सम्मान निधि की राशि को बढ़ाकर कम से कम 12 हजार रुपये किया जाए और इसे हर महीने जारी किया जाए। छह हजार रुपये से ज्यादा तो किसान का खाद और बीज का खर्च ही हो जाता है। ट्रैक्टर से जुताई और पानी के लिए बिजली और डीजल खर्च भी बहुत आता है, इसलिए सम्मान निधि की राशि को बढ़ाने की मांग वह सरकार से करते हैं।

------------------ --गन्ने का भाव 100 रुपये प्रति क्विटल बढ़ाना चाहिए: फोर

माजरा खाप के पूर्व प्रेस प्रवक्ता व किसान समुंद्र सिंह फोर ने कहा कि गन्ने का रेट 100 रुपये प्रति क्विटल बढ़ाया जाए। पांच साल में मात्र 29 रुपये क्विटल रेट बढ़ा है। इससे किसान की आय दोगुना कैसे होगी। दिल्ली सरकार गेहूं का न्यूनतम रेट 2640 प्रति क्विटल रेट दे रही है, जबकि हरियाणा में 1825 प्रति क्विटल का भाव दिया जा रहा है। जीरी में राइस मिलरों ने करोड़ों के घपले किए और किसानों को मात्र 1500 रुपये का भाव मिलने से मोटा नुकसान किया। किसानों के नुकसान की पूर्ति की जाए। सरकार को किसानों के लिए बड़ी घोषणा करनी चाहिए ताकि वह कर्जे की मार से उबर सकें। भाजपा सरकार ने किसानों को 2022 में आय दोगुनी करने का सिर्फ लॉलीपॉप दे रखा है। इस दिशा में सरकार कुछ नहीं कर रही है।

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