जींद से पानीपत और हांसी से तितरम मोड़ वाया जींद फोरलेन प्रोजेक्ट बंद

कर्मपाल गिल, जींद प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार जींद जिले को दो बड़े झटके लगे हैं। ज

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 12:56 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 12:56 AM (IST)
जींद से पानीपत और हांसी से तितरम मोड़ वाया जींद फोरलेन प्रोजेक्ट बंद
जींद से पानीपत और हांसी से तितरम मोड़ वाया जींद फोरलेन प्रोजेक्ट बंद

कर्मपाल गिल, जींद

प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार जींद जिले को दो बड़े झटके लगे हैं। जींद से पानीपत वाया सफीदों और हांसी से तितरम मोड़ वाया जींद फोरलेन प्रोजेक्ट को नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) ने बंद करके रद्दी की टोकरी में डाल दिया है।

प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद जींद से पानीपत सड़क मार्ग को फोरलेन करने की घोषणा की थी। यह जींद जिले के लिए बड़ी सौगात थी। पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए निजी कंपनी कास्टा इंजीनिय¨रग प्राइवेट लिमिटेड को ठेका भी दे दिया था। कंपनी ने डीपीआर तैयार करके भी सरकार को सौंप दी थी। लेकिन एनएचएआइ ने इसे फोरलेन करने की मंजूरी नहीं दी। तर्क दिया था कि मुख्य मार्गों को ही फोरलेन किया जाए। लेकिन एनएचएआइ के अधिकारी कह रहे हैं कि प्रदेश के साथ केंद्र में भी भाजपा की सरकार है। प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट की ठीक तरह से पैरवी नहीं की। इसलिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के सचिव ने बीते दिनों इस प्रोजेक्ट को बंद करने के आदेश दे दिए। सरकार ने कास्टा कंपनी को डीपीआर तैयार करने के लिए दो करोड़ रुपये से ज्यादा राशि का टेंडर अलॉट किया था। कास्टा कंपनी के अधिकारी अब्दुल ने बताया कि प्रोजेक्ट को एनएचएआइ ने बंद कर दिया है और उन्हें डीपीआर तैयार करने के एवज में पूरी पेमेंट भी नहीं की गई है। --जमीन अधिग्रहण भी थी समस्या

जींद से पानीपत फोरलेन प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करने वाली कास्टा इंजीनिय¨रग कंपनी के अधिकारी अब्दुल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में सड़क के दोनों तरफ जमीन का अधिग्रहण किया जाना था। इसलिए इसे बंद कर दिया गया है। जबकि एनएचएआइ के अधिकारियों का कहना है कि सरकार सही तरीके से स्टैंड लेती तो जमीन अधिग्रहण मुश्किल नहीं था। यह सड़क फोरलेन बन जाती तो जींद जिले को काफी फायदा होता। --विकास के साथ हादसे भी कम होते

केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद तीन चार साल में कुछ विकास कार्य नहीं हुए हैं। जींद में भाजपा के पास विकास कार्य गिनाने के लिए एक भी मुद्दा नहीं है। जींद से पानीपत वाया सफीदों सड़क फोरलेन बनने से जिले में विकास को गति मिलती और सड़क पर आमने-सामने के हादसे भी कम होते।

कृष्ण राठी, जिला प्रधान, इनेलो महत्वपूर्ण बॉक्स

--हांसी-तितरम प्रोजेक्ट ठप होने से जींद बाईपास का ¨रग रोड भी अटका

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने पिछले साल हांसी से तितरम (कैथल) तक 85 किलोमीटर लंबी सड़क को नेशनल हाइवे फोरलेन बनाने की घोषणा की थी। इस फोरलेन प्रोजेक्ट में जींद बाईपास की नौ किलोमीटर लंबी सड़क भी शामिल थी। बीएंडआर ने ¨रग रोड के इस टुकड़े के निर्माण के लिए सरकार को प्रपोजल दिया था, लेकिन सरकार ने इसे फोरलेन प्रोजेक्ट में शामिल कर दिया। अब हांसी-तितरम प्रोजेक्ट रद होने से जींद बाईपास के ¨रग रोड का प्रोजेक्ट भी अटक गया है। यह ¨रगरोड बनने से शहर को काफी फायदा होता। इससे दूसरे जिलों में जाने वाले भारी वाहनों को शहर में नहीं घुसना पड़ता। अब हांसी-हिसार से नरवाना, कैथल जाने के लिए शहर में घुसना पड़ता है। इससे अक्सर जाम तो लगता ही है, कई बार हादसे भी होते जाते हैं।

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