आर्य स्कूल अहिरका में हुई हिदी कविता पाठ प्रतियोगिता

बाल दिवस के उपलक्ष में आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल अहिरका में हिदी कविता पाठ प्रतियोगिता हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Nov 2021 11:24 PM (IST) Updated:Sat, 13 Nov 2021 11:24 PM (IST)
आर्य स्कूल अहिरका में हुई हिदी कविता पाठ प्रतियोगिता
आर्य स्कूल अहिरका में हुई हिदी कविता पाठ प्रतियोगिता

जींद (विज्ञप्ति) : बाल दिवस के उपलक्ष में आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल अहिरका में हिदी कविता पाठ प्रतियोगिता हुई। जिसमें कक्षा पहली से पांचवी तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया और चाचा नेहरू को याद करते हुए विभिन्न कविताएं मंच पर प्रस्तुत की गई। जिसमें कुशल कक्षा चौथी से प्रथम, प्रवेश कक्षा दूसरी से द्वितीय और आदित्य कक्षा दूसरी से तृतीय स्थान पर रही। बच्चों को चाकलेट व टफिया भी बांटी गई। स्कूल प्रबंधक वजीर सिंह ढांडा और प्रधानाचार्या सुधा शर्मा ने बाल दिवस की बच्चों को शुभकामनाएं दी।

सांकेतिक भाषा को श्रवण व मूक बधिरों तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता

जागरण संवाददाता, जींद : चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, छात्र कल्याण संकाय एवं हरियाणा ने वाक और श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिए कल्याण समाज के संयुक्त तत्वावधान में समावेशी शिक्षा के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा के प्रति संवेदनशीलता विषय पर कार्यक्रम किया। संस्था की अध्यक्ष डा. शरणजीत कौर, जो 27 वर्षों से हरियाणा में बधिर शिक्षा के क्षेत्र में प्रयास कर रही है, ने कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सांकेतिक भाषा को केवल श्रवण व मूक-बधिर व्यक्तियों तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता है। बल्कि यह समाज के समस्त वर्ग के व्यक्तियों के लिए आवश्यक है। वीसी प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदशन में ये कार्यक्रम हुआ। रजिस्ट्रार डा. राजेश बंसल ने बताया कि विभिन्न विभागों के प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम से जुड़कर सांकेतिक भाषा के गुर सीखे। परियोजना और प्रबंधन अधिकारी पल्लवी कुलश्रेष्ठ व उनकी टीम ने साधारण बोलचाल की भाषा के शब्दों को भारतीय सांकेतिक भाषा के माध्यम से सिखाया। कार्यक्रम की संयोजिका डा. ज्योति श्योराण ने कहा कि समाज में निशक्तजनों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने तथा समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों की महती भूमिका रहती है।

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