कोरोना टेस्ट के लिए निजी स्कूलों को देना होगा शुल्क

सरकार द्वारा शुल्क निर्धारित करने के चलते निजी स्कूल स्टाफ के कोरोना टेस्ट नहीं हो रहे हैं। सोमवार को निजी स्कूल संचालकों ने शुल्क लेने का विरोध जताया था और डीसी से मिलने पहुंचे थे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 06:35 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 06:35 AM (IST)
कोरोना टेस्ट के लिए निजी स्कूलों को देना होगा शुल्क
कोरोना टेस्ट के लिए निजी स्कूलों को देना होगा शुल्क

जागरण संवाददाता, जींद : सरकार द्वारा शुल्क निर्धारित करने के चलते निजी स्कूल स्टाफ के कोरोना टेस्ट नहीं हो रहे हैं। सोमवार को निजी स्कूल संचालकों ने शुल्क लेने का विरोध जताया था और डीसी से मिलने पहुंचे थे। डीसी ने स्वास्थ्य विभाग से बात कर इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने की बात कही थी कि निजी स्कूलों के शिक्षकों के कोरोना टेस्ट का शुल्क लेना है या नहीं। लेकिन मंगलवार को भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। जिसके चलते निजी स्कूलों के स्टाफ के कोरोना टेस्ट नहीं हुए। वहीं सरकारी स्कूलों के स्टाफ के कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। सोमवार को जब टेस्ट के शुल्क देने की बात आई, तो सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने भी शुल्क लेने की सूरत में टेस्ट कराने से साफ इंकार कर दिया था। जिसके बाद उन्हें बताया गया कि सरकारी कर्मचारी से कोरोना टेस्ट का शुल्क नहीं लिया जाएगा। जिसके बाद वे टेस्ट कराने को तैयार हुए। मंगलवार को शहर के राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में स्वास्थ्य विभाग की टीम सैंपल लेने पहुंची। वहीं जिला जेल समेत दूसरे सरकारी विभागों में निश्शुल्क सैंपल लिए गए। -------------- नहीं दे सकते शुल्क गौरतलब है कि सरकार ने जो पत्र जारी किया है। उसमें कहा गया है कि विदेश यात्रा, दूसरे राज्य में जाने, शिक्षण संस्थान में जाने जैसे उद्देश्यों के लिए अगर कोई कोरोना टेस्ट कराता है, तो उसे शुल्क देना होगा। आरटी पीसीआर के 1600 और रेपिड एंटीजन टेस्ट के 650 रुपये देने होंगे। स्कूलों को कक्षा नौ से 12 तक विद्यार्थियों को बुलाने की अनुमति दी गई है। जिसके चलते शिक्षकों के कोरोना टेस्ट अनिवार्य किए गए हैं। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि कोरोना के चलते उन्हें फीस नहीं मिली। वहीं उनके शिक्षकों की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। जो कोरोना टेस्ट के लिए 1600 रुपये दे सकें। सरकार को उनके स्टाफ के सैंपल निश्शुल्क लेने चाहिए।

अभी नहीं हुआ है फैसला

डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि निजी स्कूलों से शुल्क लिए जाने के मामले में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग से इस बारे में संपर्क किया जा रहा है।

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