रोहतक रोड पर दिनभर उड़ती धूल से हजारों लोगों के फेफड़ों हो रहे कमजोर

शहर में देवीलाल चौक से रोहतक रोड बाईपास तक करीब दो किलोमीटर लंबी सड़क सालभर से खस्ताहाल है। अमरूत योजना के लिए इस सड़क को उखाड़ा गया है। अभी तक इस योजना के पाइप दबाने का काम पूरा नहीं हो पाया है। इस कारण पूरा दिन सड़क पर धूल का गुब्बार उड़ता रहता है। अमरूत ठेकेदार सड़क पर पानी का छिड़काव नहीं कर रहा है जिस कारण दिनभर उड़ती धूल हजारों दुकानदारों व राहगीरों के लिए बड़ी परेशानी बन गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Oct 2020 06:17 AM (IST) Updated:Mon, 05 Oct 2020 06:17 AM (IST)
रोहतक रोड पर दिनभर उड़ती धूल से हजारों लोगों के फेफड़ों हो रहे कमजोर
रोहतक रोड पर दिनभर उड़ती धूल से हजारों लोगों के फेफड़ों हो रहे कमजोर

जागरण संवाददाता, जींद:

शहर में देवीलाल चौक से रोहतक रोड बाईपास तक करीब दो किलोमीटर लंबी सड़क सालभर से खस्ताहाल है। अमरूत योजना के लिए इस सड़क को उखाड़ा गया है। अभी तक इस योजना के पाइप दबाने का काम पूरा नहीं हो पाया है। इस कारण पूरा दिन सड़क पर धूल का गुब्बार उड़ता रहता है। अमरूत ठेकेदार सड़क पर पानी का छिड़काव नहीं कर रहा है, जिस कारण दिनभर उड़ती धूल हजारों दुकानदारों व राहगीरों के लिए बड़ी परेशानी बन गई है। डॉक्टरों का कहना है कि लगातार सांस के साथ धूल अंदर जाने से धीरे-धीरे फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और अस्थमा की बीमारी भी हो जाती है। कोरोना काल में कम इम्युनिटी वालों के लिए बड़ा खतरा है।

रोहतक रोड के दुकानदारों का कहना है कि तीन साल से यह सड़क खस्ताहाल चल रही थी। दिनभर धूल उड़ती रहती थी। अब सालभर से पहले सीवरेज की लाइन दबाने के लिए सड़क को उखाड़ा गया। फिर अमरूत योजना के बड़े पाइप दबाने के लिए आधी से ज्यादा सड़क को खोद दिया गया है। इस कारण अब दिनभर सड़क उड़ती रहती है। ऐसे में रोहतक रोड पर देवीलाल चौक से रोहतक बाईपास तक करीब 500 दुकानदारों का जीना हराम हो गया है। दिनभर उड़ रही धूल के कण अंदर तक जा रहे हैं। दुकानों के ऊपर बने मकानों व सड़क के साथ लगते मकानों में यह धूल रसोई तक जा रही है। यही नहीं, इन दुकानों पर आने वाले ग्राहकों व राहगीरों को भी इस धूल से परेशानी हो रही है। कई बार तेज स्पीड में कार गुजरती है तो ऐसा लगता है कि रेगिस्तान में रेत का गुब्बार उड़ रहा है। दुकानों पर बैठने वाले बुजुर्गों को इससे सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है।

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सांस लेने में हो रही है दिक्कत

रोहतक रोड निवासी 62 वर्षीय तिलकराज सिगला ने बताया कि दिनभर धूल उड़ने से सांस लेने में दिक्कत शुरू हो गई थी। थोड़ी-थोड़ी देर बाद खांसी आने लग जाती है। सभी बुजुर्गों की परेशानी बढ़ गई थी। पानी का छिड़काव किया जाए या जल्द सड़क बना दी जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके।

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--सामान पर जम जाती है परत

रोहतक रोड फर्नीचर एसोसिएशन के संरक्षक राजकुमार गोयल ने बताया कि दिनभर उड़ रहे रेत से सामान पर मोटी परत जम जाती है। सड़क उबड़-खाबड़ हो चुकी है। हर रोज किसी न किसी माल वाली गाड़ियों के टायर धंसने से सामान बदलना पड़ रहा है। प्रशासन इधर कुछ भी ध्यान नहीं दे रहा है।

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--धूल से अस्थमा सहित हो सकती हैं कई बीमारी : डॉ. जैन

रोहतक रोड पर बालाजी अस्पताल के संचालक डॉ. डीपी जैन ने बताया कि धूल से नजला, जुकाम सहित कई तरह की एलर्जी होने लग जाती है। धूल में मिट्टी के अलावा कई तरह के दूषित कण होते हैं, जो कई तरह की बीमारी पैदा कर देते हैं। लगातार धूल अंदर जाने से सांस नली ब्लॉक होने लग जाती है। बलगम आना शुरू हो जाता है। अस्थमा की बीमारी भी शुरू हो जाती है। जिन्हें पहले से अस्थमा व दमा की समस्या है, उन्हें जल्दी अटैक आने शुरू हो जाते हैं। धूल के कारण कम इम्यूनिटी वाले लोगों, हार्ट व फेफड़ों के मरीजों की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। कोरोना काल में धूल से जिनके फेफड़े कमजोर हो रहे हैं, उन पर कोरोना का असर ज्यादा रहेगा। धूल से कई तरह के चर्म रोग भी हो जाते हैं।

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