प्रमाण पत्र बनवाने को घंटों इंतजार करते हैं दिव्यांग

जिले के दिव्यांगों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर बुधवार को नागरिक अस्पताल में कैंप लगाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 06:40 AM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 06:40 AM (IST)
प्रमाण पत्र बनवाने को घंटों इंतजार करते हैं दिव्यांग
प्रमाण पत्र बनवाने को घंटों इंतजार करते हैं दिव्यांग

जागरण संवाददाता, जींद : जिले के दिव्यांगों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर बुधवार को नागरिक अस्पताल में कैंप लगाया जा रहा है। जहां पर दिव्यांगों को छह से सात घंटे अस्पताल में ही बैठकर चिकित्सकों का आने का इंतजार करना पड़ रहा है। कई बार तो दिव्यांगों को इतना लंबा इंतजार करने के बाद पता चलता है कि जिस डाक्टर ने उनका चेकअप करना है वह आया ही नहीं है। इसलिए उनको अगले सप्ताह आने कह दिया जाता है।

मेडिकल चेकअप कैंप के लिए विशेषज्ञों का पैनल बैठना होता है, लेकिन नागरिक अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी है। इसलिए कैंप लिए दूसरे जिलों के विशेषज्ञों की ड्यूटियां लगाई है। पैनल पूरा नहीं होने से मेडिकल नहीं हो पाता है। जिसके चलते उन्हें भारी मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है। हर बुधवार को बुलाते हैं अस्पताल में अस्पताल में प्रमाण पत्र बनवाने आए गांव घसो कलां निवासी जयदीप ने बतया कि हर बुधवार को उन्हें डॉक्टरी जांच के लिए बुलाया जाता है। चार सप्ताह से वह अपने दिव्यांग बेटे को लेकर आ रहा है, लेकिन हर बार कोई न कोई कमी बताकर उनको वापस भेज दिया जाता है। दिव्यांग प्रमाण पत्र न बन पाने के कारण उनकी पेंशन भी नहीं बन पा रही है। वह पिछले एक माह से अस्पताल के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसका विकलांग प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है। सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह ने बताया कि प्रमाण पत्र बनाने के लिए प्रत्येक सप्ताह कैंप लगाया जा रहा है। दिव्यांगों को दिक्कत न इसके लिए कदम उठाए जाएंगे।

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मानसिक दिव्यांगों को रोकना हो रहा मुश्किल

मानसिक रूप से विक्षिप्त छोटे-छोटे बच्चों के साथ आए स्वजनों ने बताया कि वे सुबह से भूखे प्यासे चिकित्सक का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद भी उन्हें अब यह कर टाल दिया गया है कि अगले बुधवार को आना। उन्होंने मांग की कि विकलांगों के शीघ्र विकलांग प्रमाण पत्र बनवाए जाएं ताकि वो मानसिक परेशानी से न गुजरें।

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हर सप्ताह 40 लोगों को बुलाया जा रहा

दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए लंबी प्रक्रिया बनाई हुई है। पहले दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए अस्पताल में कागजात जाम करवाए जाते हैं और उसके बाद टोकन नंबर दिया जाता है। फिलहाल दो माह के करीब वेटिग चल रही है। पहले जहां प्रत्येक सप्ताह 60 लोगों को बुलाया जाता था, लेकिन कोरोना के बाद इसकी संख्या को घटाकर 40 कर दिया है। जिन लोगों का नंबर होता है उनको सुबह ही आकर रिपोर्ट करनी होती है और उनका चेकअप दो बजे के बाद ही होता है।

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12145 लोग ले रहे पेंशन

दिव्यांग को समाज कल्याण विभाग की तरफ से प्रति माह पेंशन दी जा रही है। समाज कल्याण विभाग के रिकार्ड में फिलहाल जिले के 12 हजार 145 लोग पेंशन ले रहे हैं। इसमें सामान्य श्रेणी के 7985 लोग, बीसी श्रेणी से 2318 लोग व अनुसूचित जाति से 1842 लोग पेंशन ले रहे हैं। पेंशन लेने के लिए दिव्यांगों को जटिल प्रक्रिया से निकलना पड़ता है। पहले जहां मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लाइनों में लगना पड़ रहा है और उसके बाद समाज कल्याण विभाग से पेंशन की लाइन में लगना पड़ता है।

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