ठेके के शिक्षकों के सहारे सीआरएसयू, बर्बाद हो रहा भविष्य

कर्मपाल गिल, जींद जिले में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए वर्ष 2014 में शुरू हुई चौधरी रणबीर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Mar 2018 02:00 AM (IST) Updated:Sat, 17 Mar 2018 02:00 AM (IST)
ठेके के शिक्षकों के सहारे सीआरएसयू, बर्बाद हो रहा भविष्य
ठेके के शिक्षकों के सहारे सीआरएसयू, बर्बाद हो रहा भविष्य

कर्मपाल गिल, जींद

जिले में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए वर्ष 2014 में शुरू हुई चौधरी रणबीर ¨सह यूनिवर्सिटी (सीआरएसयू) ठेके के शिक्षकों के सहारे चल रही है। करीब चार साल बाद भी मात्र छह स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति हो पाई है। पर्याप्त शिक्षक न होने के कारण रिजल्ट खराब आ रहा है, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

यूनिवर्सिटी ने इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने का काम काफी तेजी से चल रहा है, लेकिन शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया धीमी गति से चल रहे हैं। अभी यूनिवर्सिटी में कुल 13 डिपार्टमेंट हैं और 17 कोर्स चल रहे हैं। इन कोर्सेज में लगभग 1600 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। निराशाजनक स्थिति यह है कि इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए मात्र 6 स्थायी शिक्षक हैं। इनमें दो प्रोफेसर और चार असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। जबकि लगभग 50 शिक्षक ठेके पर रखे हुए हैं यानी पूरी यूनिवर्सिटी इन ठेके के शिक्षकों के सहारे चल रही है। विद्यार्थी लंबे समय से स्थायी शिक्षकों की मांग कर रहे हैं, लेकिन करीब सालभर से सरकार ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई हुई है। यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति मेजर जनरल डॉ. रणजीत ¨सह की रिटायरमेंट से छह महीने पहले ही भर्तियों पर रोक लगा दी थी। इसके बाद डॉ. आरबी सोलंकी छह महीने कार्यवाहक वीसी रहे, तब भी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। करीब दो महीना पहले डॉ. सोलंकी को तीन साल के लिए स्थायी कुलपति बना दिया है, फिर भी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।

--खराब आ रहा रिजल्ट

यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की भर्ती न होने का असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। कुछ दिन पहले 16 विभागों के 34 सेमेस्टर का परिणाम जारी किया गया, जिसमें पांच विभागों का परिणाम 48 प्रतिशत से भी कम रहा। इनमें एमए एजुकेशन के पहले सेमेस्टर का 23 प्रतिशत, एमए ज्योग्राफी तीसरे सेमेस्टर का 36 प्रतिशत, एमए साइकोलॉजी तीसरे सेमेस्टर का 48 प्रतिशत, एमबीए प्रथम सेमेस्टर का 47 प्रतिशत रहा। एमए मास कम्यूनिकेशन के पहले सेमेस्टर में 9 विद्यार्थी एक पेपर में फेल हो गए हैं।

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--कोर्स भी बहुत कम

यूनिवर्सिटी में अभी तक मात्र 17 कोर्स हैं। विद्यार्थियों की मांग है कि नए कोर्स शुरू किए जाएं। खास बात है कि अभी तक साइंस ब्लॉक भी शुरू नहीं हो पाया है। एमए ¨हदी, एमए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, एमए इतिहास, एम राजनीति विज्ञान जैसे विषयों में अभी डिग्री कोर्स शुरू नहीं हो पाए हैं।

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--जल्द होगी भर्ती

विश्वविद्यालय में जल्द ही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस बारे में कुछ दिन पहले उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की थी। उन्होंने इसके लिए मंजूरी दे दी है। उच्चतर शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव से भी मुलाकात हो गई है।

-डॉ. आरबी सोलंकी, वीसी, सीआरएसयू, जींद

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