एकलव्य स्टेडियम में अभ्यास के लिए नहीं जा रहे कोच, निजी प्रशिक्षक उठा रहे फायदा

हैंडओवर करने से इन्कार करने के साथ खेल विभाग के कोच भी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए नहीं जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Jun 2019 08:07 AM (IST) Updated:Wed, 26 Jun 2019 08:07 AM (IST)
एकलव्य स्टेडियम में अभ्यास के लिए नहीं जा रहे कोच, निजी प्रशिक्षक उठा रहे फायदा
एकलव्य स्टेडियम में अभ्यास के लिए नहीं जा रहे कोच, निजी प्रशिक्षक उठा रहे फायदा

जागरण संवाददाता, जींद : हैंडओवर करने से इन्कार करने के साथ खेल विभाग के कोच भी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए नहीं जा रहे हैं। विभाग के कोच के नहीं आने से स्टेडियम में प्रतिदिन सुबह व शाम को 300 खिलाड़ी अपने स्तर पर अभ्यास कर रहे हैं। जहां हैंडबाल, बास्केटबाल, वॉलीबाल के खिलाड़ी मैदान में खुद पसीना बहाते हैं, वहीं कुश्ती, कबड्डी के लिए निजी प्रशिक्षकों ने स्टेडियम में ही खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि स्टेडियम में विभाग के कोच नहीं आने के कारण निजी कोच खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रति माह फीस लेते हैं, जबकि सरकार ने जब उन खेलों के कोच नियुक्त कर रखे हैं तो एकलव्य स्टेडियम में भी कोच को भेजना चाहिए, ताकि यहां के खिलाड़ी भी कोच की देखरेख में अच्छी तरीके से अभ्यास कर सके। खिलाड़ी राकेश, अमन, दिलबाग, उत्तम ने बताया कि वह पिछले एक साल से स्टेडियम में बिना कोच के अभ्यास करते हैं। विभाग का कोई भी कर्मचारी नहीं आने के कारण यहां पर निजी एकडेमी चलाने वाले प्रशिक्षकों ने कब्जा जाम लिया है। जहां पर स्टेडियम की जमीन पर ही खिलाड़ियों को प्रति माह एक हजार से दो हजार रुपये लेकर प्रशिक्षण देते हैं। ऐसे में प्रत्येक खिलाड़ी इतने पैसे नहीं दे सकता है। विभाग के कोच केवल अर्जुन स्टेडियम में जाने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते हैं, जबकि एकलव्य स्टेडियम से वह काफी दूर पड़ता है। इसके कारण खिलाड़ी वहां पर नहीं जा पाते हैं। अगर खेल विभाग ने स्टेडियम को अपने हैंडओवर नहीं करना है तो कम से कम यहां पर कोचों की व्यवस्था कर देनी चाहिए।

बिना कोच के नहीं बन पा रहा खेल का माहौल

एकलव्य स्टेडियम में सुबह व शाम को खिलाड़ी अभ्यास करने के लिए तो आ रहे हैं, लेकिन कोच नहीं होने के कारण खेल का माहौल नहीं बन पा रहा, क्योंकि खिलाड़ियों के बीच में कोई न कोई शरारती तत्व आ जाता है। उसके बाद जो खिलाड़ी जी जान से मेहनत करते हैं वह भी अभ्यास नहीं कर पा रहे है। खिलाड़ियों का कहना है कि इस समस्या को लेकर जल्द ही वह डीसी डॉ. आदित्य दहिया से मिलेंगे ताकि उनकी समस्या का समाधान हो सके।

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