15 अगस्त से पहले गोशाला व नंदीशाला में भेजे जाएंगे आवारा पशु

जागरण संवाददाता, जींद : शहर के लोगों के लिए राहत की खबर है। सड़कों पर काल बनकर घ्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Jul 2017 06:43 PM (IST) Updated:Thu, 06 Jul 2017 06:43 PM (IST)
15 अगस्त से पहले गोशाला व नंदीशाला में भेजे जाएंगे आवारा पशु
15 अगस्त से पहले गोशाला व नंदीशाला में भेजे जाएंगे आवारा पशु

जागरण संवाददाता, जींद : शहर के लोगों के लिए राहत की खबर है। सड़कों पर काल बनकर घूम रहे आवारा नंदियों और गायों को 15 अगस्त से पहले गोशालाओं और नंदीशाला में भेजा जाएगा। प्रशासन ने इसके लिए पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली है। 15 अगस्त के बाद जिले के गांव व शहरों में एक भी आवारा पशु सड़कों पर अथवा गलियों में घूमता नजर नहीं आयेगा। इस कार्यक्रम के तहत सात गऊशालाओं में पशुओं को रखने की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। 17 गांवों में गोशाला/नंदीशाला

अथवा पशुबाड़ा बनाने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

डीसी अमित खत्री ने आवारा पशुओं का प्रबंधन करने के लिए विभिन्न गोशालाओं के प्रतिनिधियों व समाज के प्रबुद्ध नागरिकों से बातचीत की। डीसी ने कहा कि जिले में लगभग 9 हजार ऐसे पशु हैं, जो सड़कों पर आवारा घूमते हैं। इनमें नंदी, गोवंश की संख्या अधिक है। इन नंदियों/ गायों को आश्रय देने के लिए ग्राम पंचायतों का सहयोग लिया जा रहा है। गांवों में पशुबाड़े अथवा गोशालाओं का निर्माण करवाया जायेगा। सात गांवों उचाना कलां, छातर, नरवाना शहर, भिड़ताना, ढाठरथ, कोयल, हाट शामिल में पहले से चल रही गऊशालाओं में पशुओं को रखने की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा 17 गांवों में गोशाला/नंदीशाला अथवा पशुबाड़ा बनाने के लिए कवायद शुरू की गई है। गांव खरल, कलोदा में नई गऊशालाओं का निर्माण हो चुका है। पेंगा, कुचराना कलां, अहिरका, रूपगढ़ गांव में भी गोशालाएं/पशुबाड़े बनाकर उनमें पशुओं को आश्रय दिलवाया गया है। मोहम्मद खेड़ा, निर्जन, जलालपूर कलां, निडाना, देवरड़, किलाजफरगढ़, लिजवाना कलां, गतौली, खांडा में गऊशाला/ पशुबाड़ा बनाने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा प्रपोजल तैयार कर इस दिशा में कार्यवाही शुरू कर दी है।

नंदीशाला में तीन बड़े शेड बनेंगे

डीसी ने कहा कि श्रीगोशाला की जमीन पर नंदीशाला का निर्माण भी चरणबद्ध तरीके से पूरा करवाया जा रहा है। पशुओं को रखने के लिए अलग- अलग शेडों का निर्माण चल रहा है। उनमें पीने के पानी, चारा डालने जैसी व्यवस्था को पूरा किया जा रहा है। चारे का भंडारण करने के लिए तीन बड़े- बड़े स्टोरनुमा शेडों का निर्माण करवाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे गौवंश के संरक्षण के लिए आगे आये और नंदीशाला इत्यादि के निर्माण में आर्थिक सहयोग दें। इस मौके पर एडीसी आमना तस्नीम, सफीदों के एसडीएम वीरेन्द्र सांगवान, गोसेवा आयोग के सदस्य स्वर्ण गर्ग व कुलबीर खर्ब, संघन पशुधन विकास परियोजना के उप- निदेशक डॉ. रणबीर ¨सह, मास्टर सूरजभान अलेवा, श्रीगोशाला के सन्त लाल चुघ, पीसी जैन, ईश्वर गर्ग, बीरेन्द्र लाठर एडवोकेट समेत अन्य गौ- भक्तों ने हिस्सा लिया।

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