जागरण विशेष: मात्र 12 फीसद स्टॉफ से काम चला रहा झज्जर का दमकल केंद्र

तपस्वी शर्मा झज्जर दमकल की गाड़ियों का दम देखने का समय नजदीक है। फसल कटाई का मौसम आन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Mar 2019 12:50 AM (IST) Updated:Wed, 20 Mar 2019 12:50 AM (IST)
जागरण विशेष: मात्र 12 फीसद स्टॉफ से काम चला रहा झज्जर का दमकल केंद्र
जागरण विशेष: मात्र 12 फीसद स्टॉफ से काम चला रहा झज्जर का दमकल केंद्र

तपस्वी शर्मा, झज्जर: दमकल की गाड़ियों का दम देखने का समय नजदीक है। फसल कटाई का मौसम आने के साथ आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं। गर्मी के प्रभाव के अलावा अन्य कारणों से लगी आग बुझाने में दमकल की गाड़ियों को खेतों में क्षमता दिखानी होती है। देखना है इस बार इन घटनाओं पर काबू पाने के लिए दमकल की गाड़ियों कितनी कारगार साबित होती है। क्योंकि दमकल विभाग के पास गाड़ियां की संख्या तो पांच है, लेकिन कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है। तीन शिफ्टों के मुताबिक एक गाड़ी पर 90 कर्मचारियों की आवश्यकता है, लेकिन उपलब्धता मात्र 13 कर्मचारियों की है। कर्मचारी 24 घंटे की ड्यूटी और 24 घंटे का विश्राम कर अपनी ड्यूटी निभा रहे है। ऐसे में आने वाले दिन कर्मचारियों के लिए चुनौती पूर्ण है। झज्जर दमकल केंद्र पर बेरी और झज्जर के सौ से अधिक गांवों की जिम्मेवारी हैं। ---एक सौ से अधिक गांवों की है जिम्मेवारी

खास बात यह है कि वर्ष भर में जितनी आगजनी की घटनाएं होती हैं। उनमें से 80 फीसद आगजनी की घटनाएं फसल कटाई के दौरान ही होती है। लिहाजा दमकल की इन गाड़ियों का दम खेतों में ही निकलता है। शहरी क्षेत्र के अलावा 40 किलोमीटर दूरी तक का क्षेत्र ये दमकल की गाड़ियां कवर करती है। इस केंद्र के माध्यम से बेरी व झज्जर उपमंडल दोनों गांव कवर होते है। झज्जर उपमंडल में सेहलंगा, खाचरौली, झाड़ली, साल्हावास जैसे कई गांव तो 40 किलोमीटर की दूरी तक पड़ते है। ऐसे में दमकल की गाड़ियों को वहां पहुंचने में काफी समय लगता है। अक्सर जब तक गाड़ियां पहुंचती है, तब तक ज्यादातर फसल जल चुकी होती है। इतनी दूरी पर पहुंच कर आग बुझाना दमकल के लिए चुनौती से कम नहीं होता है। इस दमकल केंद्र पर बेरी और झज्जर के करीब एक सौ से अधिक गांवों की जिम्मेवारी है। कायदे से अगर एक दमकल केंद्र बेरी में होना चाहिए। जिससे पूरा बेरी क्षेत्र भी कवर हो जाए और आगजनी के दौरान लोगों का ज्यादा नुकसान होने से बचाया जा सके। -----स्टॉफ का टोटा यहां दमकल केंद्र पर पांच गाड़ियां है। जिनमें चार बड़ी और एक छोटी गाड़ी शामिल है। इन पांच गाड़ियों पर 13 कर्मचारियों का स्टॉफ काम कर रहा है। नियमानुसार एक गाड़ी पर 10 फायर मैन, एक लीडिग फायर अफसर, एक चालक, एक सब आफिसर सहित अन्य कर्मचारी शामिल होते है। कुल मिलाकर एक गाड़ी पर 15 से अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। लेकिन यहां स्टॉफ ही 13 कर्मचारियों का है। जिसमें दमकल केंद्र इंचार्ज भी शामिल है। आगजनी की हुई घटनाएं:

वर्ष संख्या

2014-15 382

2015-16 405

2016-17 417

2017-18 403 ---स्टॉफ की कमी के बावजूद भी कर्मचारी अपनी ड्यूटी बेखूबी निभा रहे है। दमकल केंद्र पर उपलब्ध पांच गाड़ियों पर 13 कर्मचारी तैनात है। नियमाुनसार इन गाड़ियों पर करीब 90 कर्मचारियों की तैनाती होनी चाहिए। आगामी फसल कटाई के सीजन के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना घटित नहीं हो, इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गई है। कर्मचारी 24 घंटे अपनी ड्यूटी पर तैनात है।

----बिजेंद्र डागर, इंचार्ज, दमकल केंद्र, झज्जर।

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