आजादी के बाद से पहली दफा रोडवेज की व्यवस्था से जुड़ा रणखंडा गांव

अमित पोपली, झज्जर वैसे तो जिला झज्जर में अप्रोच रोड पर बसे बहुत से ऐसे गांव है जो कि आज तक रोडवेज

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Apr 2017 01:00 AM (IST) Updated:Mon, 24 Apr 2017 01:00 AM (IST)
आजादी के बाद से पहली दफा रोडवेज की व्यवस्था से जुड़ा रणखंडा गांव
आजादी के बाद से पहली दफा रोडवेज की व्यवस्था से जुड़ा रणखंडा गांव

अमित पोपली, झज्जर

वैसे तो जिला झज्जर में अप्रोच रोड पर बसे बहुत से ऐसे गांव है जो कि आज तक रोडवेज की व्यवस्था से जुड़ नहीं पाए हैं। इन्हीं गांव में से एक रणखंडा भी है। जहां पिछले दिनों में रितिक और हिमांशु का अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटने के बाद जब वह गांव में पहुंचे तो उसके बाद गांव की आबोंहवा ही बदल गई है। अब हर कोई यह चाहता है कि किडनैपरों का सुराग लगने के साथ-साथ बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं में भी इजाफा हो। इसी कड़ी में इन्हीं दोनों बच्चों से मुलाकात करने के लिए तीन दिन पहले पहुंचे बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य बाल कृष्ण गोयल के सामने यह मामला आया था कि गांव में रोडवेज की बस नहीं पहुंचती। जिससे ग्रामीणों, विशेषकर बच्चों को स्कूल तक जाने में दिक्कत होती है। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा था कि गांव तक रोडवेज की बस पहुंचेंगी। ग्रामीणों द्वारा उठाई गई मांग और मौके की नजाकत का असर यह है कि यहां पर सोमवार सुबह से रोडवेज की बस पहुंचेंगी। अभी सुबह एवं सायं के समय निर्धारित हो गए है। उम्मीद है कि मंगलवार से दोपहर के समय भी एक अन्य बस का रूट भी यहां से जोड़ दिया जाएगा।

सोमवार से स्कूल जाएंगे हिमांशु और रितिक

घटनाक्रम के बाद से दोनों ही बच्चें असहज महसूस कर रहे थे। रितिक जिसे की किडनैर्स ने शारीरिक रूप से चोट भी पहुंचाई थी। वह तो कई दिनों तक उपचाराधीन भी रहा। अब जब पूरा गांव सजग हो गया है तो यहां सकारात्मक रूप से कई ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं जो कि आने वाले दिनों में गांव के हर बच्चे के लिए फायदेमंद रहने वाले हैं। इन दोनों बच्चों के परिवार के स्तर पर बात हो तो उनका कहना है कि सोमवार से इन्हें स्कूल में भेजा जाएगा। हिमांशु के पिता सतपाल यादव का कहना है कि सोमवार को वह स्वयं अपने बेटे के साथ उसे स्कूल छोड़ने के लिए जाएंगे। रितिक भी सोमवार से स्कूल जाएगा।

ठीकरी पहरा हुआ शुरू

सजग हुए रणखंडा गांव में पुलिस के दिशा निर्देशानुसार ठीकरी पहरा शुरू कर दिया है। बाल सरंक्षण समिति जिसे की ग्राम स्तर पर तैयार किया जाना है, के संदर्भ में भी कवायद अमल में लाई जा रही है। उम्मीद है एक-दो दिन में समिति का गठन होने के बाद उसका कामकाज भी शुरू हो जाएगा। जिससे यहां के बच्चों को अवश्य ही फायदा मिलेगा।

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बॉक्स : रणखंडा गांव से किडनैप हुए दो बच्चों के अलावा लडायन गांव से एक बच्चे का अपहरण हुआ था। यहां भी 13 साल का हिमांशु हिम्मत दिखाकर आरोपियों की गाड़ी से कूद कर घर वापस आ सका था। लडायन से भी बच्चे का अपहरण उजागर होने पर अप्रैल माह में दो गांवों से तीन बच्चों के अपहरण होने के मामले सामने गए हैं। इस मामले में जो बच्चे सामने आए हैं उन्हें सुबह के समय में ही उठाया गया जब वो अकेले कही काम के लिए जा रहे थे। हैरानी की बात यह है कि जब इन बच्चों को उठाया गया तो वह अकेले ही गाड़ी में नहीं थे। उनसे पहले और बच्चें भी गाड़ी में मौजूद थे। ऐसे में सामने आ रहे मामलें अवश्य ही गहन ¨चता का विषय है। हां, लडायन गांव से अपह्त हुए बच्चे को उठाने वाली गाड़ी वैन की बजाय कोई अन्य थी। ऐसे में पुलिस के समक्ष एक अन्य चुनौती के रूप में यह मामला भी सामने आया है। किसानी करने वाले हिमांशु के पिता प्रवीण का कहना है कि वह घटनाक्रम से अब तक उबर नहीं पा रहे है। वो अब भी सकते में हैं। उल्लेखनीय है कि अपह्त हुआ लडायन का हिमांशु बहादुरगढ़ क्षेत्र से अपने घर किसी की मदद से वापिस लौटा था। बेशक ही इस संदर्भ में पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं है।

ऐसे चलेगी गांव के लिए बस

- शाहजहांपुर से झज्जर के लिए आने वाली बस जो कि सुबह साढ़े 6 बजे वहां से चलती है वह कड़ौधा से वाया रणखंडा होते हुए झज्जर वापिस पहुंचेगी।

- सायं के समय में भी यहीं बस साढ़े पांच बजे झज्जर से वाया रणखंडा होते हुए शाहजहांपुर के लिए जाएगी

- दोपहर के समय के लिए बस का रूट तैयार किया जा रहा है। उम्मीद है कि मंगलवार तक रूट का निर्धारण हो जाएगा

यहां भी मिल चुकी है बस

अप्रोच मार्ग पर बसे जिन भी गांवों तक बस नहीं पहुंचती है। उन गांवों के लिए जरूरी है कि पहले पंचायत स्तर से प्रयास किया जाए। चूंकि विभाग ने जिस तरह से यहां पर तेजी दिखाई है। उसके पीछे यह रहा कि गांव से डिमांड आई। बहुत से गांव ऐसे है जहां से विभाग के पास डिमांड नहीं पहुंच पाती। जबकि ठीकरा इस बात को लेकर फोड़ा जाता है कि बस नहीं आ रही। विभागीय स्तर पर सामने आई जानकारी के मुताबिक इससे पहले नौरंगपुर, दादनपुर, बादली, किलोई, मुनीमपुर, डाबौदा, खरमाण आदि गांवों में बस की सेवा को शुरू किया जा चुका है।

प्रतिक्रिया :

सबसे बड़ा संतोष विषय है कि किडनैप हुए बच्चें अपने परिवार के पास पहुंच गए है। गांव में बस चलने से अवश्य ही अन्य विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा। रणखंडा के अलावा लडायन गांव से जो मामला सामने आया है उस पर भी नजर रखी जा रही है। हर स्तर पर प्रयास रहेगा कि सुरक्षा घेरे को मजबूत रखा जाए।

बाल कृष्ण गोयल, सदस्य, बाल अधिकार संरक्षण आयोग

पुलिस हर पहलू पर नजर बनाए हुए है। लडायन गांव के बच्चे की बात हो या रणखंडा के दोनों मामले। सभी मामलों में तकनीकी स्तर पर संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए फोर्स जुटी है। कोइ्र भी लीड हाथ लगते हुए आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी जाएगी।

राजीव कुमार, डीएसपी, झज्जर।

सोमवार से रणखंडा गांव में सुबह एवं सायं के लिए बस चलनी शुरू हेा जाएगी। समय तक कर दिए गए है। मंगलवार को उम्मीद है कि दोपहर के लिए यह सेवा शुरू हो जाएगी। हमारा हर संभव प्रयास है कि गांव स्तर पर लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया हो सके।

बलवान ¨सह गोदारा, जीएम रोडवेज।

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