पानी की तरह बहाया पैसा फिर भी यातायात बेतरतीब
जागरण संवाददाता, झज्जर : यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए शहर में लगाई गई ट्रैफिक ल
जागरण संवाददाता, झज्जर :
यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए शहर में लगाई गई ट्रैफिक लाइटें पिछले काफी समय से नहीं चल रही हैं। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए लाखों रुपये पानी की तरह बहाए गए हैं। इसके बावजूद ट्रैफिक व्यवस्था के लिए लगाई गई रेड लाइटें मात्र दिखावा बनकर ही रह गई हैं। अकेले झज्जर शहर की ही बात की जाए तो 3 चौराहों पर करीब 15 लाख रुपये की लागत से कुछ वर्ष पहले ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थी। इनमें धौड़, भगत सिंह चौक व राव तुलाराम चौक शामिल हैं। इन टै्रफिक लाइटों के लगाने के बाद कुछ दिन ही ये लाइटें जलती दिखाई दी, उसके बाद ठप्प हो गई। इतना ही नहीं बहादुरगढ़ शहर में भी ट्रेफिक लाइटों की हालत बदहाल है। ये लाइटें कभी चलती हैं तो कभी ठप्प पड़ी रहती हैं। वाहन चालक भी इनकी कोई परवाह नहीं करते हैं। वहीं यातायात पुलिस के जवान भी ट्रेफिक लाइटों को जंप करने वाले वाहन चालकों की तरफ मुंह ताकते रहते हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं होता है। जबकि हर रोज झज्जर व बहादुरगढ़ शहर से हजारों की संख्या में वाहन गुजरते हैं और इनमें से कुछ वाहन चालक ही ट्रेफिक लाइटों के नियमों का पालन करते हैं। शहर के भगत चौक, धौड़ चौक व राव तुलाराम चौक पर लगाई कई टै्रफिक लाइटों को पिछले वर्ष एक बार फिर से 15 लाख रुपये की लागत से बदला गया था। उस दौरान भी से लाइटें पूरी तरह से एक माह भी नहीं चली। इनको को फरवरी में आरक्षण आंदोलन के दौरान भी तोड़ पर लगी ट्रैफिक लाइटों को नाला निर्माण के दौरान उखाड़ दिया गया है।
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शहर के धौड़, भगत सिंह चौक व राव तुलाराम चौक पर ट्रेफिक लाइटों को ठीक करवाने के स्थिति को देखा जाएगा। मैंने दो दिन पहले ही झज्जर में डयूटी ज्वाइन की है। इस बारे में स्थिति को देख कर ही कुछ कहा जा सकेगा।
-रमेश शर्मा, एमई, नपा, झज्जर।