अंधेरे मोड़ पर आ खड़ी पुलिस

शैलेंद्र गौतम, झज्जर सप्ताह पहले की बात है। पुलिस बेहद खुश दिखाई दे रही थी। भाजपा के विधायकों को

By Edited By: Publish:Sat, 18 Apr 2015 01:01 AM (IST) Updated:Sat, 18 Apr 2015 01:01 AM (IST)
अंधेरे मोड़ पर आ खड़ी पुलिस

शैलेंद्र गौतम, झज्जर

सप्ताह पहले की बात है। पुलिस बेहद खुश दिखाई दे रही थी। भाजपा के विधायकों को ठगने वाले व्यक्ति का असली पता पुलिस को उसके सर्विस टैक्स नंबर से मिल गया था। लग रहा था मानो अब ये केस अंजाम तक पहुंचने ही वाला है लेकिन आज पुलिस एक दोराहे पर आ खड़ी हुई है। उसके लिए केस को सुलझाना अब असंभव हो चुका है।

पुलिस को सर्विस टैक्स नंबर से बिहार का जो नया पता ठिकाना हाथ लगा था उसकी सिरे से पड़ताल की गई तो न तो वहां सिकंदर पासवान मिला और न ही अनिल पासवान। गांव मस्तान मनिहारी कटिहार बिहार से पुलिस की टीम बैरंग वापस लौट आई है। टीम की रिपोर्ट आने के बाद सबसे ज्यादा उलझन में बड़े अफसर हैं। केस भाजपा नेताओं से हुई जालसाजी का है। केंद्र के साथ हरियाणा में इसी पार्टी की सरकार है। इसको सुलझाना समय की मांग है। लेकिन जिस मोड़ पर मामला पहुंच चुका है वहां से जालसाज को तलाश करना बेहद मुश्किल हो चला है। बीस से ज्यादा भाजपा विधायकों को चूना लगाने वाले व्यक्ति तक पहुंचने की राह में जो भी रास्ता पुलिस ने पकड़ा, थोड़ी दूर जाकर पता चला आगे तो कुछ है ही नहीं। यानि बड़े मास्टर माइंड तरीके से ठगी की बुनियाद रखी गई और परत दर परत उसे मजबूत बनाया गया। पुलिस ने धमर्ेंद्र नाम के ठग तक पहुंचने की शुरूआत उसके मोबाइल नंबर के साथ बैंक के उस खाते को सर्विलांस पर रखकर की जहां भाजपा नेताओं ने पैसा जमा कराया था। कदम दर कदम पुलिस आगे बढ़ी। खाते के जरिए जालसाज का पता ठिकाना उसके हाथ लगा तो क्लासेज फैशन नाम की फर्म का भी पता लगा। थोड़ी तफ्तीश के बाद पता चला कि ये सब फर्जी है। सारी राह बंद हो चली थी, तभी बैंक ऑफ बड़ोदा से क्लासेज फैशन का सर्विस टैक्स नंबर पुलिस को मिला। ये नंबर स्थाई पते की गहन जांच के बाद ही जारी किया जाता है। पुलिस को लगा मानो किला फतह हो गया। आनन फानन में एक टीम बिहार रवाना की गई। वहां गए एक अफसर ने बताया कि हमें लग रहा था कि केस साल्व हो गया लेकिन जब गांव के सरपंच से सिकंदर व उसके पिता अनिल के बारे में पूछा गया तो उसने मना कर दिया। धर्मेद्र के बैंक खाते से मिला फोटो दिखाया गया तो वह उसे भी नहीं जानता था। पुलिस के लिए अहम सवाल है कि अब कौन का पैंतरा अपनाया जाए। हालांकि ठग ने कुछ दिन पहले बैंक के मैनेजर को फोन कर के अपने खाते को फ्रीज करने के बारे में पूछा था। मैनेजर ने मामले की नजाकत को देखते हुए तत्काल पुलिस को उसका नंबर दे दिया था। उसे सर्विलांस पर लिया गया। लोकेशन सरिता विहार दिल्ली की निकली लेकिन पुलिस भी जानती है कि जिसने इतना फर्जीवाड़ा कर रखा है वो इतनी आसानी से लोकेशन नहीं देने वाला है।

मामला टफ हो गया : सुनीता

आर्थिक अपराध शाखा की प्रभारी निरीक्षक सुनीता का कहना है कि केस टफ हो गया है। अब ये पता नहीं कि तफ्तीश कहां और किस दिशा में की जाए लेकिन पुलिस अपना काम करेगी और ठग को तलाश जरूर करेगी।

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