रोहतक में अनोखा फर्जीवाड़ा, पांच साल सरपंच रही लक्ष्मी, भेद खुला तो निकली चंदा

चुनाव में जीत के बाद पता चला कि लक्ष्मी पांचवीं क्लास भी पास नहीं है। लेकिन चुनाव लड़ने के लिए लक्ष्मी सोमबीर और उसके जेठ अनिल ने अधिकारियों से मिलकर उसकी आठवीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट तैयार करा दी। एससी का फर्जी जाति प्रमाण पत्र भी बनवाकर चुनाव लड़ी।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 13 Mar 2021 06:02 AM (IST) Updated:Sat, 13 Mar 2021 06:02 AM (IST)
रोहतक में अनोखा फर्जीवाड़ा, पांच साल सरपंच रही लक्ष्मी, भेद खुला तो निकली चंदा
मोखरा खास गांव की निवर्तमान सरपंच, उसके पति और महम तहसीलदार समेत पांच लोगों पर केस दर्ज।

हिसार/रोहतक, जेएनएन। रोहतक में फर्जीवाड़े का अनोखा मामला सामने आया है। मोखरा खास गांव की निवर्तमान सरपंच, उसके पति और महम तहसीलदार समेत पांच लोगों पर जेएमआइसी विवेक सिंह की कोर्ट के आदेश पर बहुअकबरपुर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है। आरोप है कि निवर्तमान सरपंच ने फर्जी नाम, फर्जी डिग्री और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा और पांच साल तक सरपंच भी बनी रही।

मोखरा खास गांव निवासी जयपाल और आत्माराम ने अधिवक्ता रविंद्र कुमार के माध्यम से जेएमआइसी विवेक सिंह की कोर्ट में मामला दायर किया था, शिकायत में बताया था कि गांव के रहने वाले साेमवीर ने 2014 में लक्ष्मी नाम की युवती से शादी की थी। बताया गया था कि वह मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के उपरारा गांव की रहने वाली है। गृहस्थी बसाने के लिए शादी की है। जिसने वहां के ज्ञान सरोवर पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है। वर्ष 2016 में लक्ष्मी को ग्राम पंचायत मोखरा खास से सरपंच पद के लिए चुनाव लड़वाया गया और वह जीत भी गई।

जीत के बाद चला पता

चुनाव में जीत के बाद पता चला कि लक्ष्मी पांचवीं क्लास भी पास नहीं है। लेकिन चुनाव लड़ने के लिए लक्ष्मी, सोमबीर और उसके जेठ अनिल ने अधिकारियों से मिलकर उसकी आठवीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट तैयार करा दी, जिसे पेश कर सरपंच का चुनाव लड़ा। बाद में ग्रामीणों को पता चला कि लक्ष्मी का असली नाम चंदा है। चुनाव लड़ने के लिए आपस में मिलीभगत कर उसका नाम चंदा से बदलकर लक्ष्मी देवी किया गया था। सरपंच पद के लिए अनुसूचित जाति के लिए सीट रिजर्व थी, जबकि लक्ष्मी इस जाति से संबंध भी नहीं रखती थी। फिर भी धोखाधड़ी कर चुनाव लड़ा। इस दौरान लक्ष्मी ने कलानौर सीएचसी में बेटे को जन्म दिया। वहां पर लक्ष्मी का असली नाम चंदा लिखवाया गया और जाट जाति लिखवाई गई। पूरे मामले का पटापेक्ष आरटीआइ से हुआ।

आरटीआइ मांगने पर मिलती थी धमकी

अधिवक्ता रविंद्र कुमार ने बताया कि लक्ष्मी उर्फ चंदा का जाति प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाया गया था। जिससे की वह चुनाव लड़ सके। इस बारे में आरटीआइ के माध्यम से महम तहसीलदार से सूचना मांगी गई थी। जिसमें जवाब मिला कि जाट आरक्षण के समय पूरा रिकार्ड जल गया। जबकि उन्होंने रिकार्ड जलने की कोई शिकायत भी दर्ज नहीं करा रखी थी। पूरे मामले को लेकर अब निवर्तमान सरपंच लक्ष्मी, पति सोमवीर, जेठ अनिल, तहसीलदार और मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के उपरारा गांव ज्ञान सरोवर पब्लिक स्कूल के संचालक पर केस दर्ज हुआ है।

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