लोकतंत्र के प्रति बढ़ाएंगे जागरूकता, 26 जनवरी को पढ़ी जाएगी संविधान की प्रस्तावना

हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति और हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की ओर से यह निर्णय लिया गया है। उनका कहना है कि इससे लोगों में भारतीय लोकतंत्र के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। प्रदेश भर के एक हजार से अधिक स्थानों पर संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के साथ ही उसका महत्व भी बताया जाएगा।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 01:28 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 01:28 PM (IST)
लोकतंत्र के प्रति बढ़ाएंगे जागरूकता, 26 जनवरी को पढ़ी जाएगी संविधान की प्रस्तावना
हरियाणा के एक हजार से अधिक लाइब्रेरी, गांवों और स्कूलों पढ़ी जाएगी प्रस्तावना।

रोहतक, जागरण संवाददाता। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। जिसमें संविधान के अनुसार संचालन किया जाता है और प्रस्तावना किसी भी संविधान का महत्वपूर्ण अध्याय (भाग) होता है। प्रस्तावना में संविधान निर्माताओं का विजन (दर्शन) होता है, साथ ही संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का वर्णन भी इसमें होता है। प्रस्तावना को उदेशिका भी कहा जाता है। प्रस्तावना में संविधान निर्माताओं का राष्ट्र निर्माण के प्रति दृष्टिकोण, समाज निर्माण के प्रति दृष्टिकोण व नागरिक निर्माण के प्रति दृष्टिकोण परिलक्षित होता है। भारतीय संविधान में संविधान निर्माताओं की इसी तरह की दृष्टि देखने को मिलती है। 26 जनवरी को प्रदेश भर में अनेक स्थानों पर संविधान की प्रस्तावना पढ़ी जाएगी। जिसका उद्देश्य लोकतंत्र के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। 

संविधान के महत्व पर व्यापक चर्चा करते हुए उसे सार्थक बनाने की शपथ भी ली जाएगी

हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति और हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की ओर से यह निर्णय लिया गया है। उनका कहना है कि इससे लोगों में भारतीय लोकतंत्र के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के एक हजार से अधिक लाइब्रेरी, गांवों व स्कूलों आदि स्थानों पर संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के साथ ही उसका महत्व भी बताया जाएगा। दोनों संगठनों की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में संविधान की प्रस्तावना को व्यापक पैमाने पर पढ़ा जाने का निर्णय लिए जाने से लोगों में खुशी देखी जा रही है। समिति के सह सचिव सुरेश कुमार ने बताया कि इसके अलावा 23 जनवरी (सुभाष चंद्र बोस जयंती) से 30 जनवरी (महात्मा गांधी की शहादत) तक प्रस्तावना पर चर्चा का अभियान भी चलाया जाएगा। जिसमें संविधान के महत्व पर व्यापक चर्चा करते हुए उसे सार्थक बनाने की शपथ ली जाएगी।

सर्वे करने की बनाई जाएगी योजना

सुरेश कुमार ने यह भी बताया कि पिछले दिनों राज्य स्तर पर वैज्ञानिक मानसिकता और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर किए गए विमर्श को लेकर फरवरी माह में सभी जिलों में कार्यशाला आयोजित की जाएंगी। जिनमें अंधविश्वास, रूढ़िवाद या गैर वैज्ञानिक स्थितियों आदि पर सर्वे करने की योजना बनाई जाएगी। इनके अलावा 16 फरवरी (रविदास जयंती), 28 फरवरी (विज्ञान दिवस), आठ मार्च (महिला दिवस), 14 अप्रैल (डा. आंबेडकर जयंती) आदि दिवसों पर भी विभिन्न आयोजन करने के निर्णय लिए हैं। 

हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति और हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ मिलकर बढ़ाएंगे जागरूकता 

हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति की ओर से हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के सहयोग से प्रदेश भर में लोगों को संविधान की प्रस्तावना और उसके महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 26 जनवरी को यह मुहिम चलाई जाएगी। जिसमें प्रदेश भर में एक हजार से अधिक गांवों व स्कूलों में प्रस्तावना पढ़ने के साथ ही उसकी व्यख्या भी बताई जाएगी। 

---- डा. रणबीर सिंह दहिया, राज्य अध्यक्ष, हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति।

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