सिविल अस्पताल में एक महीने से बंद है अल्ट्रासाउंड की मशीन, गर्भवती परेशान

जागरण संवाददाता हिसार सिविल अस्पताल में रेडक्रॉस द्वारा अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित की गई ह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Jul 2019 10:33 AM (IST) Updated:Wed, 17 Jul 2019 06:36 AM (IST)
सिविल अस्पताल में एक महीने से बंद है अल्ट्रासाउंड की मशीन, गर्भवती परेशान
सिविल अस्पताल में एक महीने से बंद है अल्ट्रासाउंड की मशीन, गर्भवती परेशान

जागरण संवाददाता, हिसार : सिविल अस्पताल में रेडक्रॉस द्वारा अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित की गई है। मशीन को हाल ही में गैलरी से पीछे स्थानांतरित किया गया। वहां स्थापित करने के बाद मशीन खराब पड़ी है। अब मजबूरन महिलाओं को अस्पताल से बाहर जाकर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है।

सिविल अस्पताल में लोगों को सस्ते अल्ट्रासाउंड की सुविधा देने के लिए सुविधा की गई है। एक माह से मशीन खराब होने से परेशानी बढ़ गई है। गर्भवती महिला और उनके अभिभावक अस्पताल में आते हैं। उनको मशीन खराब पता होने का पता चलता है तो विभाग को कोसते हुए बाहर निकल जाते हैं। सिविल अस्पताल में गर्भवती और बीपीएल कार्ड धारक का अल्ट्रासाउंड फ्री होता है और आम आदमी के 350 रुपये लगते हैं। जबकि बाहर आम आदमी के 800 रुपये और गर्भवती को 1100 रुपये देने पड़ते हैं।

अव्यवस्थाओं के बीच ला रहे नए फरमान

सिविल अस्पताल में अव्यवस्थाओं की न्यूज प्रकाशित होने से सकपकाए प्रबंधन ने इमरजेंसी में मीडिया कर्मियों की एंट्री बैन कर दी है। बाकायदा इसके लिए इमरजेंसी के गेट पर पोस्टर चस्पा किया है। स्वास्थ्य विभाग अधिकारी सोनिया त्रिखा के दौरे की खबर छपने, अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने और अन्य अवव्यस्थाओं की न्यूज छपने के बाद पीएमओ की तरफ से अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर नोटिस चस्पा किया गया है।

सिविल अस्पताल अपने कुछ कर्मियों के कारनामों को लेकर अक्सर सुर्खियों में बना रहता है। ताजा कारनामा रविवार को हुआ था। जब सिवानी क्षेत्र निवासी एक युवक खून से लथपथ इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर पर काफी देर लेटा रहा। उसका पिता ग्लूकोज की बोतल हाथ में लिए साथ खड़ा था। डाक्टर ने तीमारदार को साफ शब्दों में कहा था कि वह पहले इलाज संबंधी पर्ची मंगवाए, तब उसे दाखिल करूंगा। बाद में युवक को दाखिल किया गया था। सोमवार को सिक्योरिटी गार्ड ने मीडिया कर्मियों को बोल दिया कि पीएमओ का आदेश है, आप अंदर न जाएं।

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12 दिन से नहीं हैं एंटी रैबीज टीके

सिविल अस्पताल में करीब 12 दिन से एंटी रैबीज के टीके नहीं हैं। अस्पताल में रोज कुत्ते और बंदर द्वारा काटे हुए 4-5 लोग या बच्चे आ रहे हैं। मगर वहां से उनको मायूस होकर लौटना पड़ता है। अस्पताल में जहां उनको 100 रुपये में टीका लगता था। वहीं निजी अस्पताल में उनको 350 रुपये तक देने पड़ रहे हैं। अभी ये टीके आने की कोई उम्मीद भी नहीं है।

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