सिरसा में प्राथमिक शिक्षकों की अव्यवहारिक रेशनेलाइजेशन के खिलाफ अध्यापक करेंगे प्रदर्शन

रेशनेलाइजेशन के विरोध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ पांच अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर लघु सचिवालय सिरसा में विरोध प्रदर्शन करेगा। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य उपप्रधान सुनील यादव ने बताया कि शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा की जा रही प्राथमिक शिक्षकों की रेशनेलाइजेशन पूरी तरह से गैर वैज्ञानिक है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 04:03 PM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 04:03 PM (IST)
सिरसा में प्राथमिक शिक्षकों की अव्यवहारिक रेशनेलाइजेशन के खिलाफ अध्यापक करेंगे प्रदर्शन
पांच अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर होगा जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, सिरसा। प्राथमिक शिक्षकों की रेशनेलाइजेशन के विरोध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ पांच अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर लघु सचिवालय सिरसा में विरोध प्रदर्शन करेगा। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य उपप्रधान सुनील यादव ने बताया कि शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा की जा रही प्राथमिक शिक्षकों की रेशनेलाइजेशन पूरी तरह से गैर वैज्ञानिक है। नई शिक्षा नीति और शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत शिक्षक छात्र अनुपात 1:30 का दिया गया है। जहां मुख्य शिक्षक का पद बिना वर्क लोड के दिया गया है। लेकिन हरियाणा सरकार 150 छात्रों के बाद पूरे वर्कलोड सहित मुख्य शिक्षक का पद दे रही है।

जबकि प्राथमिक स्कूलों में कोई भी क्लर्क न होने के चलते मुख्य शिक्षक का पद पूरी तरह से वर्कलोड रहित होना चाहिए। हरियाणा सरकार द्वारा 2019 में शिक्षक-छात्र अनुपात 1:25 किया गया था। जिसके तहत 251 छात्रों पर 11 अध्यापकों की जरूरत होती थी। लेकिन 2021 में की जा रही रेशनेलाइजेशन के हिसाब से 361 बच्चों पर 11 अध्यापकों की जरूरत पड़ेगी। इस प्रकार पूरे प्रदेश में 5696 प्राथमिक शिक्षकों के पद सरप्लस किए जा रहे हैं।

शिक्षकों के तबादलों पर टरकाऊ नीति अपनाई जा रही है

उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धज्जियां उड़ाते हुए 200 से ऊपर छात्र संख्या पर 40 विद्यार्थियों पर एक अध्यापक देना हरियाणा सरकार की जनशिक्षा विरोधी मानसिकता को भलीभांति दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार पिछले कई महीनों से शिक्षकों के तबादलों पर टरकाऊ नीति अपनाए हुए हैं और गेस्ट टीचर्स को इससे बाहर करके फूटपरस्ती की नीति पर काम कर रही है। पदोन्नति को प्राप्त प्राचार्य को स्टेशन देने में आनाकानी कर रही वर्ष 2016- 19 की एलटीसी पेंडिंग है।कई जिलों में एसओ के पद रिक्त होने की वजह से एसीपी व मेडिकल प्रतिपूर्ति के काफी मामले लंबित हैं।

शिक्षा व्यवस्था चरमराती जा रही है

स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था दिन प्रतिदिन चरमराती जा रही है। आनलाइन शिक्षण के नाम पर सरकार ने शिक्षा विभाग को एक प्रयोगशाला बना कर रख दिया है,जिसकी चपेट में सभी कर्मचारी और आम परिवारों के बच्चे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विभाग को निजी हाथों में सौंपने पर उतारू है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हटाए गए पीटीआई, ड्राइंग टीचर्स व अन्य हटाये गये अन्य कर्मियों को सरकार अतिशीघ्र समायोजित करें नहीं तो जनशिक्षा को बचाने और शिक्षकों की तमाम लम्बित मांगो को लेकर आने वाले समय में राज्य स्तरीय आन्दोल चलाया जाएगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की होगी। इस अवसर पर जिला प्रधान गुरमीत सिंह, जिला सचिव बूटा सिंह व सचिव कृष्ण कायत मौजूद रहे।

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