हिसार में सल्फर और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड ने जहरीली बनाई हवा, हल्‍के में तो नहीं ले रहे

पटाखों से उत्सर्जित हुई सल्फर डाई ऑक्साइड खतरे के निशान से अधिक कार्बन मोनो ऑक्साइड भी बढ़ी। आज आसमान से छट सकता है स्मॉग

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 31 Oct 2019 02:49 PM (IST) Updated:Thu, 31 Oct 2019 02:49 PM (IST)
हिसार में सल्फर और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड ने जहरीली बनाई हवा, हल्‍के में तो नहीं ले रहे
हिसार में सल्फर और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड ने जहरीली बनाई हवा, हल्‍के में तो नहीं ले रहे

हिसार, जेएनएन। अभी तक शहर में पार्टिकुलेट मेटर यानि पीएम लेवल का प्रदूषण लगातार खतरे के निशान पर चल रहा है, मगर इसके अलावा दूसरी तत्व भी हैं, जो हवा के साथ मिलकर लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बुधवार को शहर में सल्फर डाई ऑक्साइड 37 माइक्रोग्राम, घनमीटर तो नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड 76 माइक्रोग्राम, घनमीटर तक पहुंच गया है, जिसका सीधा मतलब है कि लोगों हवा में प्रदूषण के छोटे- बड़े कणों के साथ लोग जहरीली गैसें भी सांसों के जरिए पिछले चार दिनों से ले रहे हैं।

दीपावली से पहले एसओ 2 व एनओ 2 दोनों ही गैसें अपने औसत में थीं, मगर अब इनका आंकड़ा काफी बढ़ गया है। इसके अलावा कार्बन मोनो ऑक्साइड भी लगातार बढ़ रही है। इतनी प्रदूषण भरे वातावरण से आपको गुरुवार को राहत मिलने की उम्मीद है। एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग की मानें को हरियाणा के ऊपर से गुरुवार को पश्चिमी विक्षोभ गुजरेगा जो कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और पंजाब के कुछ हिस्सों पर भी जाएगा। इसके प्रभाव के कारण जो परिवर्तन होगा उससे हवाएं भी चलेंगी जिनमें नमी होगी।

जिससे स्मॉग को बैठाने का काम करेगी। बुधवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम तापमान 17.3 डिग्री सेल्सियश दर्ज किया गया। मौसम 3 नवंबर तक परिवर्तनशील तथा 31 अक्टूबर तक कहीं-कहीं बादल तथा पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण 1 नवम्बर रात्रि से 3 नवम्बर के बीच गरज चमक के साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश की संभावना है।

एनओ 2- नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड

- यह धुएं का एक हिस्सा है।

- हिसार में एनओ 2 बुधवार को 76 माइक्रोग्राम, घनमीटर रहा।

- एनओ 2 वातावरण में सिर्फ 40 माइक्रोग्राम, घनमीटर होना चाहिए।

कारण- एलर्जी को लेकर होने वाली समस्याएं इसी से होती हैं, सर्दी जुकाम का यह सबसे बड़ा कारण है। डीजल और कोयले से चलने वाले इंजन और मशीनें इसके बड़े उत्सर्जक हैं।

एसओ 2- सल्फर डाई ऑक्साइड

- यह तीखी गंध वाली विषैली गैस है।

- बुधवार को हिसार में एसओ 2- 37 माइक्रोग्राम, घनमीटर रही।

- यह 0 से 30 माइक्रोग्राम, घनमीटर होने चाहिए।

कारण- लगातार कचरा जलने, वाहन व फसल अवशेष जलने से यह गैस निकलती है। इसके साथ ही 15 वर्ष पुराने वाहनों से निकलने वाले धुएं में यह गैस होती है।

सीओ- कार्बन मोनो ऑक्साइड

- कार्बन मोनो ऑक्साइड जहरीली गैस है

- बुधवार को हिासर में सीओ 52 माइक्रोग्राम, घनमीटर दर्ज की गई।

- यह 45 माइक्रोग्राम, घनमीटर से कम ही होना चाहिए

कारण- गीता कचरा और कोयला जलाए जाने पर, औद्योगिक चिमनियों से यह पैदा होती है।

ओजोन

- ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बनने वाली गैस है, जो जहरीली है।

- हिसार में ओजोन 68 एमजीसीएम रही।

- यह 50 एमजीसीएम तक रही रहनी चाहिए।

कारण-ऑक्सीजन की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने पर यह निर्मित होती है। धरती की स्तह पर नुकसानदायक है।

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