शेरों का परिवार बढ़ाने के लिए केज को आधुनिक करने की तैयारी, भिवानी लघु चिड़ियाघर प्रशासन ने मांगा बजट

भिवानी के लघु चिड़ियाघर में दो मादा और एक नर शेर है। नर शेर शिवा को फरवरी माह में मध्य प्रदेश के इंदौर के चिड़ियाघर से लाया गया था और यहां से एक नर शेर को भेजा गया था।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Wed, 29 Jun 2022 03:19 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jun 2022 03:19 PM (IST)
शेरों का परिवार बढ़ाने के लिए केज को आधुनिक करने की तैयारी, भिवानी लघु चिड़ियाघर प्रशासन ने मांगा बजट
वन्य प्राणी विभाग से मांगे लघु चिड़ियाघर प्रशासन ने करीब पांच लाख रुपये।

भिवानी, जागरण संवाददाता। शेर और शेरनियों को देखने वाले काफी लोग है। दूर दराज से आने वाले बच्चे भी उनको देखकर काफी खुश होते है। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित चिड़ियाघर को भिवानी लघु चिड़ियाघर से शेर अर्जुन देकर दूसरा शेर शिवा मंगवाया गया था। मकसद था शेरनियों के साथ मीटिंग हो। मगर ऐसा नहीं हो पाने के कारण लघु चिड़ियाघर प्रशासन भी परेशान है। अब उनकी तरफ से शेरों का परिवार बढ़ाने के लिए केज को आधुनिक करने की तैयारी की है। योजना बनाते हुए वन्य प्राणी विभाग से करीब पांच लाख रुपये मांगे गए हैं।

मध्य प्रदेश से नर शेर आने के बाद नहीं हो पाई मादा से मीटिंग

लघु चिड़ियाघर भिवानी में दो मादा और एक नर शेर है। नर शेर शिवा को फरवरी माह में मध्य प्रदेश के इंदौर के चिड़ियाघर से लाया गया था और यहां से एक नर शेर को भेजा गया था। पहले एक माता-पिता के नर-मादा शेर होने के कारण उनकी मीटिंग नहीं हो सकती थी तो इनको एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत बदला गया था। मगर शेरनियों के साथ इस शेर की भी मीटिंग नहीं हो पाई। प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से परिवार को बढ़ाने के लिए अब नर-मादा करवाने के नए तरीके निकाले जा रहे है। इसको लेकर शेर को खाना देने के लिए बनी केज में बदलाव किए जाएंगे।

विभाग को लिखा पत्र

लघु चिड़ियाघर प्रशासन की तरफ से करीब पांच लाख देने की मांग की गई है। इसका पत्र उनकी तरफ से पूरी योजना कर भेजा गया है। यदि योजना कामयाब होती है शेर के बच्चों को भी लघु चिड़ियाघर में देखा जा सकेगा।

दोनों को रखा जाता है अलग

नर और मादा शेरनियों को अलग-अलग रखा जाता है। मादा शेरनियां दोनों बहने हैं। वह बड़े खुले मैदान में लोहे की चार दिवारी में रहती है। वहीं शेर को अलग रखा गया है। इनको अलग रखने का मुख्य कारण किसी दोनों जानवरों के बीच कोई लड़ाई न हो।

अधिकारी के अनुसार

योजना बनाकर भेजी गई है। विभाग से करीब पांच लाख रुपये मांगे गए है। केज में बदलाव किए जाएंगे ताकि शेर का परिवार बढ़ सके।

- ज्योति कुमार, इंचार्ज, लघु चिड़ियाघर, भिवानी

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