देसी गाय के दूध को पांच से बढ़ाकर 15 लीटर करने की तैयारी

लुवास के पशु अनुवांशिक एवं प्रजनन विभाग में प्रो. सुरेंद्र सिंह ढाका व उनकी टीम हरधेनु के बाद इस परिवार के बैलों के सीमन पर ट्रायल चल रहा है। विज्ञानियों का उद्देश्य है कि सीमन में कुछ बदलाव कर देसी गाय की ऐसी पीढ़ी तैयार की जाए जो पांच लीटर नहीं बल्कि औसतन 15 से 20 लीटर दूध देती हो।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 06:08 AM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 06:08 AM (IST)
देसी गाय के दूध को पांच से बढ़ाकर 15 लीटर करने की तैयारी
देसी गाय के दूध को पांच से बढ़ाकर 15 लीटर करने की तैयारी

वैभव शर्मा, हिसार

वर्ष 2017 में 20.6 लीटर दूध देकर राष्ट्रीय कामधेनु अवार्ड पाने वाली लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) की देसी गाय हरधेनु जल्द ही गायों के भविष्य को तय करेगी। इस देसी गाय का परिवार एक से बढ़कर आठ तक पहुंच गया है। जिसमें छह गाय और दो बैल भी शामिल हैं।

लुवास के पशु अनुवांशिक एवं प्रजनन विभाग में प्रो. सुरेंद्र सिंह ढाका व उनकी टीम हरधेनु के बाद इस परिवार के बैलों के सीमन पर ट्रायल चल रहा है। विज्ञानियों का उद्देश्य है कि सीमन में कुछ बदलाव कर देसी गाय की ऐसी पीढ़ी तैयार की जाए जो पांच लीटर नहीं, बल्कि औसतन 15 से 20 लीटर दूध देती हो। यह संभव भी इसलिए है, क्योंकि देसी गायों में हरधेनु प्रदेश में एक मात्र ऐसी गाय है जिसने एक समय में 20.6 लीटर दूध दिया है।

देसी गाय आम तौर पर रोजाना चार से पांच लीटर ही दूध देती हैं, जबकि हरधेनू 35 से 40 लीटर दूध रोजाना देती है। हरियाणा की देसी गाय और साहिवाल नस्ल को मिलाकर हरधेनु गाय तैयार हुई। यह लुवास की 40 वर्षो की रिसर्च का नतीजा है।

दूध देने की देसी गाय से दो गुना ज्यादा क्षमता

हरधेनु गाय की दूध देने की क्षमता देसी गाय से दो गुना ज्यादा है। यह गाय केवल मात्र 30 माह की आयु में ही बछड़े देना शुरू कर देती है, जबकि स्थानीय गाय इसके लिए लगभग 36 महीने का समय लेती है। हरधेनु गाय पर वर्ष 1970 शोध शुरू हुआ था। तब लुवास एचएयू का हिस्सा थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने 2014 देसी नस्ल के पशुओ की गुणवत्ता पर जोर देने क लिए राष्टीय गोकुल मिशन के तहत भारतीय नस्ल की देसी गाय की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु अवार्ड की घोषणा की थी। इसी विजन को लेकर पशु अनुवांशिक एवं प्रजनन विभाग के विज्ञानियों ने इस नस्ल को तैयार किया।

ए-2 दूध देती है हरधेनु

प्रोफेसर प्रो सुरेंद्र सिंह ढाका बताते हैं कि देसी हरधेनु गाय ए-2 गुणवत्ता का दूध देती है। शुरुआती शोध के अनुसार ए-2 दूध में वसा 4.8 फीसद होता है और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है। इसका दूध बच्चों को भी पिलाया जा सकता है।

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