गर्मी में आंदोलन स्थल पर छा सकता है बिजली संकट, सोलर पैनल लगा रहे आंदोलनकारी

किसान ट्रैक्टर-ट्राली की जगह बीच सड़क और डिवाइडर पर तो किसान तंबू बना ही रहे हैं मगर साथ में ऐसे इंतजाम भी कर रहे हैं कि जब गर्मी के मौसम में बिजली का संकट होगा तो उस स्थिति में जुगाड़ हो सके। इसके लिए सौलर पैनल लगाए जा रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 08:48 AM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 08:48 AM (IST)
गर्मी में आंदोलन स्थल पर छा सकता है बिजली संकट, सोलर पैनल लगा रहे आंदोलनकारी
आंदोलन स्‍थल पर सोलन पैनल लगा रहे किसान

बहादुरगढ़, जेएनएन। बहादुरगढ़ में 15 किलोमीटर तक फैले आंदोलन के बीच आने वाली गर्मी का असर अभी से दिखने लगा है। आंदोलन यदि लंबा चला और सर्दी की तरह गर्मी का पूरा मौसम भी किसानों को यहीं पर गुजारना पड़ा तो कुछ जरूरी बिंदुओं पर इसके लिए तैयारियां देखी जा सकती हैं। ट्रैक्टर-ट्राली की जगह बीच सड़क और डिवाइडर पर तो किसान तंबू बना ही रहे हैं, मगर साथ में ऐसे इंतजाम भी कर रहे हैं कि जब गर्मी के मौसम में बिजली का संकट होगा तो उस स्थिति में जुगाड़ हो सके।

इसके लिए सौलर पैनल लगाए जा रहे हैं। लोहे का फ्रेम बनवाकर उस पर सोलर प्लेट लगाई जा रही हैं। इन्हें तंबू के पास सड़क पर रखा जा रहा है। बाइपास पर तो लगभग हर तीसरे तंबू में इनवर्टर-बैटरी भी आ चुके हैं। फिलहाल तो आंदोलनकारियों ने यहां पर लगी रोड लाइटों के खंभों के बाक्स खोलकर उनके अंदर से बिजली कनेक्शन जोड़ रखे हैं, लेकिन जब गर्मी आएगी तो बिजली की डिमांड निश्चित तौर पर ही बढ़ेगी। अभी कुछ किसान बिजली की वोल्टेज कम होने की बात कह रहे हैं। गर्मी में वोल्टेज और कम हो सकती है। पंजाब के किसान गुरजीत ने बताया कि ऐसे में सोलर सिस्टम काम करेगा।

अभी तय तो पता नहीं कि आंदोलन कितना लंबा चलेगा। मगर जब हमने यह तय कर रखा है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, तब तक वे वापस नहीं जाएंगे। यहीं सड़क पर ही डटें रहेंगे। उधर, प्रशासन के साथ सोमवार को किसान संगठनों की बैठक के बाद यह माना जा रहा है कि अब सड़क पर पक्का निर्माण नहीं होगा, लेकिन प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि पक्के निर्माण किए हैं, वे हटाने होंगे।

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