स्वच्छता रैकिंग में औंधे मुंह गिरा एमडीयू, प्रथम से खिसक कर टॉप-5 से भी बाहर

गुरुनानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर अपना दूसरा स्थान बरकरार रखने में सफल रहा। यूजीसी द्वारा स्वच्छता रैंकिंग सर्वे 2019 के लिए देश के 6900 शिक्षण संस्थानों ने आवेदन किया था।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sat, 28 Dec 2019 02:19 PM (IST) Updated:Sat, 28 Dec 2019 02:19 PM (IST)
स्वच्छता रैकिंग में औंधे मुंह गिरा एमडीयू, प्रथम से खिसक कर टॉप-5 से भी बाहर
स्वच्छता रैकिंग में औंधे मुंह गिरा एमडीयू, प्रथम से खिसक कर टॉप-5 से भी बाहर

ओपी वशिष्ठ, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने स्वच्छता रैंकिंग सर्वे 2018 में देश के सरकारी विश्वविद्यालय की कैटेगरी में प्रथम स्थान हासिल किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर सराहना की थी। इसी माह 2019 की सर्वे रिपोर्ट में एमडीयू औंधे मुंह गिरा और टॉप-5 में भी जगह नहीं बना पाया। जबकि गुरुनानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर अपना दूसरा स्थान बरकरार रखने में सफल रहा। स्वच्छता अभियान को लेकर विश्वविद्यालय को यह बड़ा झटका हो सकता है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा स्वच्छता रैंकिंग सर्वे 2019 के लिए देश के 6900 शिक्षण संस्थानों ने आवेदन किया था, जिसमें विश्वविद्यालय, महाविद्यालय व अन्य संस्थान शामिल थे। यूजीसी द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने तीन सितंबर 2019 को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में स्वच्छता का निरीक्षण किया। टीम में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के जनसंचार केंद्र के पूर्व निदेशक एवं सेवानिवृत प्रोफेसर डा. संजीव भानावत, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के ज्योतिष विभाग के डा. शत्रुघन त्रिपाठी और दिल्ली विश्वविद्यालय की डा. नीरजा सिंह शामिल रहें। एमडीयू की तरफ से प्रो. एएस मान ने प्रेजेंटेशन दिया। यूजीसी निरीक्षण टीम ने विश्वविद्यालय सचिवालय स्थित कार्यालयों, विश्वविद्यालय यज्ञशाला, आइएचटीएम, विवेकानंद पुस्तकालय, टैगोर सभागार, परिसरीय क्षेत्र, रेडियो एवं टीवी स्टूडियो, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट समेत विश्वविद्यालय के छात्रावास तथा अन्य स्टूडेंट सपोर्ट सर्विसेज का अवलोकन किया। छात्रावासों में रसोई घर तथा टॉयलेट्स आदि की विशेष रूप से जांच की। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, रेन वाटर हारवैस्टिंग, ड्रेनेज व्यवस्था, डिस्पोजल ऑफ वेस्ट आदि की भी जांच की गई। स्वच्छता सर्वे की रिपोर्ट यूजीसी द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट में एमडीयू प्रथम स्थान से टॉप-5 में भी जगह नहीं बना सकी।

पीएम मोदी ने मंच से की थी एमडीयू की सराहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर 2018 में सांपला स्थित दीनबंधु चौधरी छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण करने आए थे। उन्होंने जनसभा के दौरान मंच से महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की स्वच्छता रैंकिंग में देश के सरकारी विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान का जिक्र करते हुए सराहना की थी। लेकिन स्वच्छता रैंकिंग को विश्वविद्यालय बरकरार नहीं रख पाया।

एमडीयू ने रैंक बचाने को झोंकी थी पूरी ताकत

एमडीयू ने स्वच्छता रैंकिंग को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी थी। बाकायदा विश्वविद्यालय की तरफ से स्वच्छता निरीक्षण संबंधित केंद्रीय समिति गठित की थी, जिसके संयोजक प्रो. एएस मान को बनाया गया था। स्वच्छता निरीक्षण को  लेकर विश्वविद्यालय में खास तैयारियां की गई थी। लेकिन स्वच्छता निरीक्षण टीम के मानकों पर विश्वविद्यालय खरा नहीं उतर पाया।

स्वच्छता रैंकिंग में जो विश्वविद्यालय प्रथम स्थान पर आ चुके हैं, उनको दोबारा से उसी स्थान पर शामिल नहीं किया गया। इसलिए एमडीयू को रैंकिंग में नहीं रखा गया। हालांकि इस बारे में लिखित में नहीं दिया गया। केवल मौखिक रूप से ही यह जानकारी दी गई थी।

- डा. गुलशन तनेजा, कुलसचिव, एमडीयू, रोहतक।

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