फसल अवशेषों का आधुनिक तकनीकों व मशीनों से करें प्रबंधन

इससे एक ओर जहां पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है वहीं दूसरी ओर जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। यह आह्वान चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डा. आरएस हुड्डा ने किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 07:41 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 07:41 AM (IST)
फसल अवशेषों का आधुनिक तकनीकों व मशीनों से करें प्रबंधन
फसल अवशेषों का आधुनिक तकनीकों व मशीनों से करें प्रबंधन

जागरण संवाददाता, हिसार : किसान फसलों के अवशेषों को जलाने की बजाय उनका आधुनिक तकनीकों व मशीनों के माध्यम से उचित प्रबंधन करें। इससे एक ओर जहां पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है, वहीं दूसरी ओर जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। यह आह्वान चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डा. आरएस हुड्डा ने किया।

वे सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में फसल अवशेष प्रबंधन विषय को लेकर आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि वे खुद के साथ अन्य किसानों को भी इस बारे में जागरूक करें और फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताएं। सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान के सह निदेशक डा. एके गोदारा ने संस्थान द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिए चलाए जाने वाले विभिन्न कौशल कार्यक्रमों की भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने प्रशिक्षण के सफल आयोजन के लिए आयोजकों व प्रशिक्षणार्थियों की सराहना की।

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