किसान आंदोलन : कोर्ट के फैसले के बाद नई रणनीति बनाने में जुटे किसान, दाे दिन मनाएंगे त्योहार

सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने के बाद निष्कर्ष के लिए एक कमेटी गठित किए जाने को किसान खारिज कर चुके हैं और आगामी दिनों में जो गतिविधियां तय की गई है वहीं जस की तस रहने का ऐलान कर चुके हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 10:59 AM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 10:59 AM (IST)
किसान आंदोलन : कोर्ट के फैसले के बाद नई रणनीति बनाने में जुटे किसान, दाे दिन मनाएंगे त्योहार
बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर पर किसान अब लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्‍योहार मनाने में जुटे हैं

बहादुरगढ़, जेएनएन। कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए फैसले के बाद अब किसान नई रणनीति बनाने में जुटे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने के बाद निष्कर्ष के लिए एक कमेटी गठित किए जाने को किसान खारिज कर चुके हैं और आगामी दिनों में जो गतिविधियां तय की गई है वहीं जस की तस रहने का ऐलान कर चुके हैं।

इसके बाद भी लगातार मीटिंग करके किसान अपने आंदोलन को धार देने और सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बनाने में जुटे हैं। किसानों के समर्थन में उतरे राजनेता भी यह कह चुके हैं कि कोर्ट द्वारा कानूनों के अमल पर रोक लगाना स्वागत योग्य है मगर यह इस मसले का स्थायी समाधान नहीं है। इस बीच अब दो दिन तक आंदोलन में त्योहारों का भी रंग दिखेगा। आज किसानों की ओर से लोहड़ी मनाई जा रही है।

लोहड़ी की अग्नि में ही किसानों की ओर से कृषि कानूनों की प्रतियां जलाने का पहले से ऐलान कर रखा है। इसके बाद मकर सक्रांति मनाई जाएगी। 15 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच वार्ता होनी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब किसानों की ओर से सरकार से बातचीत में कोई नई चर्चा होने की उम्मीद नहीं जताई जा रही है।

बहादुरगढ़ में टिकरी बाॅर्डर पर किसानों का कहना है कि अब तो सरकार भी यही तर्क देगी कि मामला कोर्ट में है। किसान नेता राजेंद्र सिंह का कहना है कि आंदोलन शांतिपूर्वक था, है और रहेगा। आगामी 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड का जो फैसला लिया गया है वह तय है।

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