जाट आरक्षण आंदोलन में जली बस की लगी एक लाख रुपये बोली, रोडवेज ने 29 बसें की नीलाम

हिसार में 39 बसों की लगाई थी बोली 10 को नहीं मिले खरीदार 29 बसें 57 लाख में बिकी। बोली से रोडवेज को 57 लाख रुपये की कमाई।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Jan 2020 12:32 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jan 2020 12:32 PM (IST)
जाट आरक्षण आंदोलन में जली बस की लगी एक लाख रुपये बोली, रोडवेज ने 29 बसें की नीलाम
जाट आरक्षण आंदोलन में जली बस की लगी एक लाख रुपये बोली, रोडवेज ने 29 बसें की नीलाम

हिसार, जेएनएन। जाट आरक्षण आंदोलन में जली में जली बस की करीब एक लाख रुपये बोली लगी। सोमवार को रोडवेज विभाग की ओर से हिसार बस स्टैंड में लंबे समय से खड़ी रोडवेज की 29 कंडम बसें बोली में बेची गई हैं। रोडवेज विभाग ने छह जनवरी को 39 कंडम बसों की बोली लगाई थी लेकिन 29 बसों को ही खरीदार मिल पाए। इस बोली में रोडवेज प्रशासन को करीब 57 लाख रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है। जबकि 10 बसों की 10 फरवरी को फिर से बोली लगाई जाएगी।

कंडम बसों की नीलामी में 57 लाख का मिला राजस्व

रोडवेज की 29 कंडम बसें नीलामी में बेची गई। जिनसे करीब 57 लाख रुपये का राजस्वय मिला है। जिसमें रोडवेज की 29 कंडम बसों के अलावा कंडम हुए टायर भी शामिल है। सोमवार छह जनवरी को लगाई गई बोली में बसों के अलावा पुराने कंडम टॉयर व ट््यूब व अन्य स्पेयर पाट््र्स शामिल है। कंडम बसों की बोली करीब एक लाख से पौने दो लाख रुपये तक पहुंची। रोडवेज बसों की बोली में अधिकांश निजी बसों के मालिक व प्रतिनिधि शामिल हुए।

ऐसे घोषित होती हैं सरकारी बसें कंडम

रोडवेज वर्कस स्टाफ के अनुसार सरकारी बसों कों कंडम तभी माना जाता है जब कोई बस सात लाख किलोमीटर से ज्यादा चली और साथ ही उसकी समय अवधी आठ साल से ज्यादा हो गई हो। तब प्रशासन द्वारा कमेटी गठित की जाती है जिसमें टैक्निकल एक्सपर्ट शामिल होते हैं। इस कमेटी में मुख्यालय का भी एक टेक्निकल अधिकारी शामिल होता है। कमेटी के जरिए बस को तकनीकी रुप से चेक करने के बाद ही उसे कंडम घोषित किया जाता है। हालांकि कई बसें ऐसे है जो 7 लाख किलोमीटर नहीं चली है जबकि उसकी समय अवधी करीब 15 साल हो चुकी है। जो ड्राइवर का प्रशिक्षण लेने के लिये आने वाले युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिये प्रयोग की जाती है।

हिसार जिले में रोडवेज की 217 बसें

वर्तमान में हिसार जिले में 217 बसें चल रही है। जो रोडवेज के निर्धारित रुटों पर चल रही है। जिसमें अकेले हिसार डिपो पर 155 बसें चल रही है। जबकि 62 बसें हांसी डिपो में चल रही है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में जनता इन बसों में सफर कर रही है। उधर रोडवेज स्टाफ से लेकर रोडवेज यूनियन पदाधिकारी तक जनसंख्या के अनुसार रोडवेज बसों की संख्या बढ़ाने की लंबे समय से मांग कर रहे है।

नीलामी में नहीं बिकने वाली बसों की 10 फरवरी को बोली

रोडवेज की कंडम बसों की बोली लगी है। जिसमें 29 बसों की बोली लगी जिनसे करीब 57 लाख रुपये का राजस्व मिला है। जो 10 बसें रह गई उनकी बोली 10 फरवरी को होगी।

- जितेंद्र सिंह, वर्कर्स मैनेजर, नगर निगम हिसार।

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