नौ राज्यों में भड़केगी हरियाणा से उठने वाली जाट आरक्षण की अाग
हरियाणा के जाट आरक्षण की आग इस बार देश के कई राज्यों में भड़केगी। जाट नेताओं का दावा है कि हरियाणा के जाटों से समर्थन में उत्तर प्रदेश, राजस्थान व पंजाब सहित नौ राज्यों में ध्ररना और प्रदर्शन होंगे।
हिसार, [अमित धवन]। जाट आरक्षण की चिंगारी अब हरियाणा ही नहीं, देश के नौ अन्य राज्यों में भी भड़की। इन राज्यों मे भी अांदोलन की जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। हरियाणा के हिसार में रामायण ट्रैक के साथ पड़ाव डाल कर आंदोलन की शुरुआत होगी। इसके बाद उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्य आंदोलन में हरियाणा का साथ देने के लिए उतरेंगे।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक गुट की तरफ से 21 फरवरी से हिसार के रामायण गांव से आंदोलन शुरू करने की घोषण की गई है। हिसार से शुरुआत होने के बाद 24 फरवरी को इसकी चिंगारी उत्तर प्रदेश में भड़केगी और वहां धरने-प्रदर्शन शुरू होंगे। इसके बाद दिल्ली से लगते नौ बॉर्डरों को सील करने की कार्रवाई शुरू होगी।
हरियाणा में 21 फरवरी से आंदोलन की तैयारी
- हिसार से 21 फरवरी को शुरुआत होगी। 24 फरवरी तक सोनीपत, फतेहाबाद, दादरी और भिवानी में जाट समुदाय के लोग रेलवे ट्रैक के साथ पड़ाव डाल देंगे। इसके बाद अन्य जिलों में आंदोलन शुरू हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश में 24 से आंदोलन
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के नागल रेलवे ट्रैक के पास धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के बाकी जिलों में हर रोज धरना होगा और हरियाणा का समर्थन किया जाएगा।
दिल्ली बार्डर को सील करने की घोषणा
- जाट संगठनों ने 26 फरवरी से दिल्ली को लगने वाले नौ सीमा को सील करने की घोषणा की है। हर रोज एक बॉर्डर सील होगा। आंदोलन की रणनीति में सभी बॉर्डर एक साथ एक दिन सील किए जाएंगे। सबसे पहले बहादुरगढ़ के टिकरी बॉर्डर को सील किया जाएगा। आंदोलन की पूरी रूप रेखा को 14 फरवरी को दिल्ली के घेवरा रोड पर चौ. साहब सिंह समाधि स्थल पर होने वाली रैली में घोषणा होगी।
राजस्थान और मध्यप्रदेश मेें भी होंगे प्रदर्शन व धरना
जाट नेताओंं के अनुसार, 28 फरवरी से राजस्थान के धोलपुर, भरतपुर में धरने व प्रदर्शन होंगे। इसी प्रकार, मध्य प्रदेश के 20 जिलों में धरने प्रदर्शन किए जाएंगे। पंजाब और उत्तराखंड में भी 28 फरवरी से धरने व प्रदर्शन की शुरुआत होगी। बिहार, गुजरात, जम्मू कश्मीर में भी जाट समाज के नेता हरियाणा के जाटों के आंदोलन के समर्थन में ज्ञापन देंगे।
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''हरियाणा में ही आरक्षण नहीं है। उसके लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। बाकी राज्यों में हमारे समर्थन में ही धरने व प्रदर्शन होंगे। उसकी रणनीति बना दी गई है। यदि सरकार किसी प्रकार का टकराव करती है तो अन्य रणनीति के तहत काम किया जाएगा।
- यशपाल मलिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति।