हरियाणा के स्‍कूलों में अब बच्‍चों को कान पकड़ रोजाना 14 बार करनी होगी उठक-बैठक, गजब का आदेश जारी Hisar news

खास कारण से शिक्षा बोर्ड ने ऐसा करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है साइंटिफिकली साबित हो चुका है कि कान पकड़कर उठक-बैठक करने से सुपर ब्रेन योग होता है। इसके कई फायदे हैं

By manoj kumarEdited By: Publish:Thu, 04 Jul 2019 01:20 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jul 2019 04:52 PM (IST)
हरियाणा के स्‍कूलों में अब बच्‍चों को कान पकड़ रोजाना 14 बार करनी होगी उठक-बैठक, गजब का आदेश जारी Hisar news
हरियाणा के स्‍कूलों में अब बच्‍चों को कान पकड़ रोजाना 14 बार करनी होगी उठक-बैठक, गजब का आदेश जारी Hisar news

भिवानी/हिसार, जेएनएन। एक समय था जब स्कूल की कक्षा में कान पकड़कर उठक बैठक केवल नालायक छात्र ही लगाते थे। मगर अब हर विद्यार्थी हरियाणा शिक्षा बोर्ड के स्‍कूलों में उठक बैठक करता नजर आएगा। आप सोच रहे होंगे ऐसा किसलिए। तो बता दें ऐसा काम किसी बात की सजा देने के लिए नहीं बल्कि बच्‍चों के दिमाग को तेज करने के लिए करवाया जाएगा।

शोध से पता चला है कि इस उठक-बैठक से दिमाग भी तेज चलने लगता है। अब हर छात्र इस सुपर ब्रेन योग को करने जा रहा है। इसकी शुरुआत हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के डा. एस राधाकृष्णन स्कूल में 4 जुलाई से इसकी शुरुआत की गई है। गुरुवार को यह क्रिया केवल शिक्षकों ने ही की। अब स्‍कूल खुलने के बाद आठ जुलाई को इस स्‍कूल के करीब 700 बच्‍चों को दो सेक्‍शन में बांटकर योग और उठक बैठक करवाई जाएगी। यह प्रयोग सफल होने के बाद प्रदेश के अन्य स्कूलों में भी इसे लागू करने पर विचार किया जा सकता है।

बोर्ड प्रशासन का दावा है कि साइंटिफिकली साबित हो चुका है कि सुपर ब्रेन योग यानि कान को पकड़कर उठक बैठक करने से बुद्धि तेज होती है। 14 बार उठक बैठक करने से फायदा होगा। शिक्षा बोर्ड के सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि सुपर ब्रेन योग की शुरुआत हिंदुस्तान में बहुत पहले हुई थी। अब समय आ गया है कि हमारे देश की प्राचीन परंपराओं को एक बार फिर से जागृत किया जाए। इसी के तहत बोर्ड के स्कूल में सुपर ब्रेन योग शुरू करवाया जा रहा है।

पहले गलती पर दी जाती थी सजा, अब एक से तीन मिनट का बना योग
बता दें कि प्राचीन समय में यह क्रिया किसी गलती की सजा देने के लिए करवाई जाती थी। आज भी कुछ जगहों पर ऐसा किया जाता है, मगर इसे गलत माने जाने लगा है। पहले शरारती और कम एकाग्रता वाले विद्यार्थियों को दंड स्‍वरूप करवाई जाती थी। ताकि उनकी एकाग्रता बने और मन शांत हो। अब इस क्रिया को करवाने के लिए एक से तीन मिनट का वक्‍त दिया जाएगा। क्रिया में बाएं हाथ से दायां कान पकड़ना होगा और दाएं हाथ से बायां कान पकड़ना होगा। इसके बाद उठक-बैठक करवाई जाएगी।

संतुलित मस्तिष्‍क से निकलती हैं अल्‍फा तरंगे
योग करने से दिमाग के चेतन व अचेतन दोनों ही भाग संतुलित होते हैं और इससे अल्‍फा तरंगे निकलती हैं। इससे दिमाग क्रिएटिव यानि सृजनात्‍मक क्रिया करने में सक्षम बनता है। अल्‍फा तरंगे सृजनात्‍मक कार्य करने के लिए जरूरी वातावरण तैयार करती है। इस समय दिमाग यानि मस्तिष्‍क जानकारी ग्रहण या प्रसारित करने के लिए ज्‍यादा क्रियाशील बन जाता है।

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