कैसे पूरा होगा डिजिटल इंडिया का सपना.. ऑनलाइन एफआइआर के लिए पोर्टल ठप

केंद्र व प्रदेश सरकार डिजिटल इंडिया के लिए बेशक कितना जोर लगा रही हो लेकिन हांसी जिला पुलिस है कि सिस्टम को डिजिटल बनाने के लिए कतई तैयार ही नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 01:57 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 01:57 PM (IST)
कैसे पूरा होगा डिजिटल इंडिया का सपना.. ऑनलाइन एफआइआर के लिए पोर्टल ठप
कैसे पूरा होगा डिजिटल इंडिया का सपना.. ऑनलाइन एफआइआर के लिए पोर्टल ठप

मनप्रीत ¨सह, हांसी:

केंद्र व प्रदेश सरकार डिजिटल इंडिया के लिए बेशक कितना जोर लगा रही हो लेकिन हांसी जिला पुलिस है कि सिस्टम को डिजिटल बनाने के लिए कतई तैयार ही नहीं है। हांसी जिला पुलिस पोर्टल पर एफआइआर व अपराध से जुड़ी अन्य जानकारियों को अपडेट करने में फिसड्डी साबित हो रही है। आलम यह है कि हांसी शहर थाना द्वारा पिछले 15 दिनों से एक भी एफआइआर पोर्टल पर नहीं डाली जा रही है व नारनौंद थाना तो इस मामले में एक महीने से गहरी नींद में सोया हुआ है और कोई एफआइआर पोर्टल पर अपडेट नहीं की है। थानों में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अक्सर कनेक्टिविटी न होने का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारी से बचा जा रहा है।

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने एफआइआर के लिये अलग से पोर्टल बनाया हुआ है जहां पर हर रोज प्रदेश के थानों में दर्ज होने वाली एफआईआर को देखा जा सकता है। प्रदेश के सभी थानो में एफआइआर दर्ज होते ही पोर्टल पर अपलोड करने के सरकार द्वारा निर्देश जारी किये हुए हैं लेकिन हांसी जिला पुलिस इन निर्देशों को गंभीरता से न लेकर इन आदेशों की धज्जियां उड़ा रही है। जिला पुलिस के अंतर्गत थानों में दर्ज होने वाली एफआइआर को समय पर पोर्टल पर अपडेट नहीं किया जा रहा है। महीने में एक बार ही सारी एफआइआर को अपडेट करके जिम्मेदारी का निर्वाह कर दिया जाता है। जबकि सरकार के आदेश हैं कि एफआइआर दर्ज होते ही उसे पोर्टल पर अपडेट किया जाए, जिससे मामले से जुड़े लोगों द्वारा एफआइआर में दर्ज जानकारी को देखा जा सके। थानों की कार्यप्रणाली से साफ जाहिर है कि वह सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रति गंभीर नहीं है।

पुलिस विभाग से जड़ी एफआईआर पोर्टल से नदारद

जिला पुलिस द्वारा पोर्टल पर उन मुकदमों को अपडेट नहीं किया जाता है जो पुलिस कर्मचारियों से जुड़ी होती हैं। जिन मुकदमों में पुलिस अधिकारियों या कर्मचारियों तक आंच आती है उन्हें पोर्टल पर अपडेट करना पुलिस अधिकारी मुनासिब नहीं समझते और पुलिस इन मामलों को जनता के सामने नहीं लाने से बचती है। एक महीने से सोया है नारनौंद थाना, एक भी एफआईआर अपडेट नहीं

जिला पुलिस के अंतर्गत नारनौंद थाने द्वारा 27 अगस्त के बाद से पोर्टल पर कोई एफआइआर अपडेट नहीं की गयी है। जबकि थाने में हर रोज एफआइआर दर्ज हो रही हैं। नारनौंद थाना प्रशासन द्वारा सरकारी डिजिटल इंडिया के मिशन के प्रति कोई गंभीरता नजर नहीं आ रही है। इस थाने द्वारा कई दिनों बाद एक दिन में ही पूरे महीने एफआइआर को अपडेट करके अपनी जिम्मदारी का निर्वाह कर दिया जाता है।

थानों में एफआइआर की कॉपी मिलती नहीं, शिकायतकर्ता रहते हैं परेशान

अक्सर थाने में आने वाले लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें थाने से समय पर एफआइआर की कॉपी नहीं मिलती है। अगर एफआइआर आनलाईन अपडेट कर दी जाए तो लोगों को असुविधा नहीं होगी और वह अपनी शिकायतों को आनलाइन घर बैठे देख सकते हैं।

झूठी एफआइआर का डर दिखाकर अवैध वसूली के मामले में पांच पर गिर चुकी है गाज

हांसी जिला पुलिस द्वारा थानों में दर्ज होने वाली एफआइआर यदि तुरंत अपलोड कर दी जाएं तो सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ने से पुलिस व पब्लिक के बीच समन्वय बना रहेगा और झूठी एफआइआर का डर दिखाकर लोगों को प्रताड़ित होने के मामलों से भी बचा जा सकेगा। हाल ही में दुष्कर्म के मामले का डर दिखाकर 10 लाख रुपये की अवैध वसूली का मामला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में भी है और इस मामले में दो पुलिस अधिकारियों सहित पांच लोगों पर गाज गिर चुकी है। यदि पुलिस अधिकारी ऑनलाइन एफआइआर अपलोड करने में तत्परता दिखाएं तो इस तरह के मामलों से बचा जा सकता है।

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