एक्‍सीपेरिमेंट : 20 मिनट से ज्यादा का वर्चुअल क्लास रूम पीरियड हाेने पर खत्म होने लगता है इंटरेस्ट

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) की एजुकेशन विभाग से रिटायर्ड प्रोफेसर हेमंत लता शर्मा ने एक एक्सपेरिमेंट किया है। कहा- आनलाइन टीचिंग इफेक्टिवनेस पर उनके एक एक्सपेरिमेंट में निष्कर्ष आया कि वर्चुअल क्लास रूम पीरियड की अधिकतम अवधि 20 मिनट से ज्यादा होने पर विद्यार्थियों का इंटरेस्ट समाप्त हो जाता है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 05:14 PM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 05:14 PM (IST)
एक्‍सीपेरिमेंट : 20 मिनट से ज्यादा का वर्चुअल क्लास रूम पीरियड हाेने पर खत्म होने लगता है इंटरेस्ट
एमडीयू की रिटायर्ड प्रोफेसर हेमेंत लता शर्मा ने वर्चुअल क्लासरूम पीरियड पर किया है एक्सपेरिमेंट

जागरण संवाददाता, रोहतक : कोविड-19 के दौर में अनिश्चित्ता का माहौल बना हुआ है। संभावित तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरे की बात विशेषज्ञ कह रहे हैं। पहली और दूसरी लहर का कहर भारत पर बरपा है। हजारों जानें गई हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा नुकसान स्कूल के विद्यार्थियों का हुआ है। स्कूल बंद होने पर आनलाइन माध्यम के जरिए भरपाई की कोशिश की लेकिन, यह कितना कारगर रहा कहा नहीं जा सकता।

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) की एजुकेशन विभाग से रिटायर्ड प्रोफेसर हेमंत लता शर्मा ने एक एक्सपेरिमेंट किया है। वह बताती हैं कि आनलाइन टीचिंग इफेक्टिवनेस पर उनके एक एक्सपेरिमेंट में निष्कर्ष आया कि वर्चुअल क्लास रूम पीरियड की अधिकतम अवधि 20 मिनट से ज्यादा होने पर विद्यार्थियों का इंटरेस्ट समाप्त हो जाता है। खासकर छोटे बच्चों के वर्चुअल पीरियड के 20 मिनट के समय में कंसेप्ट क्लियरेंस के साथ ही सवाल-जवाब का सेशन भी शामिल होना चाहिए। दो लगातार पीरियड के मध्य कम से कम 10 मिनट का अंतराल होना चाहिए।

सातवीं कक्षा के 100 विद्यार्थियों पर किया एक्सपेरिमेंट

रिटायर्ड प्रो. हेमंत लता शर्मा ने 50 दिनों तक सातवीं कक्षा के 100 विद्यार्थियों पर एक्सपेरिमेंट किया। दो ग्रुप में विद्यार्थियों को बांटा गया। 50 विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से पढ़ाया गया। दूसरे ग्रुप को क्लास रूम टीचिंग के जरिए वही सब्जेक्ट पढ़ाए गए। आनलाइन माध्यम से पढ़ने वाले विद्यार्थियों के आत्मविश्वास व सीखने की क्षमता काफी हद तक बढ़ी। प्री-प्राइमरी, प्राइमरी, हाई और हायर सेकेंडरी विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से पढ़ाने के तरीकें एक जैसे संभव नहीं।

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आनलाइन टीचिंग-लर्निंग को एजुकेशन टर्मिनोलाजी में इनवर्टेड क्लास रूम या फिर फ्लिप्ड क्लासरूम कहा जाता है। इस तरह की लर्निंग में विद्यार्थी आनलाइन क्लास के समय भी बगैर शिक्षक से पूछे वाशरूम या पानी पीने के लिए नहीं जाते हैं। विद्यार्थियों को रोजाना नई एक्टिविटीज दी जाती है। फारमेटिव इवेल्यूऐशन होता है। यानि कि क्लास रूम पीरियड के समय के दौरान ही सवाल-जवाब होते हैं।

- प्रो. हेमंत लता शर्मा, रिटायर्ड प्रोफेसर, एजुकेशन डिपार्टमेंट, एमडीयू, रोहतक।

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