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    बहादुरगढ़ में साइबर ठगों ने इंफ्रापावर कंपनी का कंप्यूटर डाटा किया हैक, मांगे लाखों डालर

    By Naveen DalalEdited By:
    Updated: Wed, 26 Jan 2022 11:35 AM (IST)

    बहादुरगढ़ में स्थित पीएसके इंफ्रापावर लिमिटेड के नाम से जुड़ी कंपनी का सेक्टर-सात में कार्यालय है। यह कंपनी रेलवे से जुड़ा निर्माण कार्य करती है। बहाद ...और पढ़ें

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    बहादुरगढ़ में साइबर ठगों का आतक बढ़ा।

    बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। बहादुरगढ़ में साइबर अपराधियों द्वारा कंप्यूटर डाटा हैक करके लाखों डालर मांगने का एक और मामला सामने आया है। इस बार एक कंस्ट्रक्शन (रेलवे निर्माण) से जुड़ी कंपनी काे निशाना बनाया गया। पुलिस ने केस दर्ज कर साइबर विंग को मामला सौंपा है। इससे पहले यहां पर दोे चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ भी ऐसा हो चुका है।

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    अचानक  गड़बड़ी आनी हुई शुरू

    बहादुरगढ़ में स्थित पीएसके इंफ्रापावर लिमिटेड के नाम से जुड़ी कंपनी का सेक्टर-सात में कार्यालय है। यह कंपनी रेलवे से जुड़ा निर्माण कार्य करती है। बहादुरगढ़ से कंपनी का तमाम अकाउंट और प्रशासनिक कार्य होता है। कंपनी निदेशक नवीन गर्ग ने पुलिस को बताया है कि 18 जनवरी को दोपहर के समय कंपनी के कंप्यूटराें में अचानक गड़बड़ी आनी शुरू हो गई। दो कंप्यूटरों में वायरस आ जाने के कारण उनमें दर्ज तमाम फाइल अौर डाटा करप्ट हो गए। तभी से कंपनी के कंप्यूटर चल नहीं रहे हैं। फाइलों के फारमेट एक दम से बदल गए। पहले की तरह जो फाइल का फारमेट था अब वह बिल्कुल अलग तरीके के हो चुके है। कोई भी फाइल खुल नहीं रही है।किसी अज्ञात हैकर्स ने गलत मंशा से कंपनी से एक बड़ी राशि ऐंठने के मकसद से कंप्यूटर डाटा को हैक किया है।

    लाखों डालर की मांग की

    हैकर्स ने किसी माध्यम से वायरस कंपनी के कंप्यूटर में डालकर डाटा काे फिर से उपलब्ध करवाने के एवज में एक बड़ी रकम मांगी है। कंप्यूटरों में कई प्रकार की जानकारी थी। इसमें कंपनी का कई वर्षों का लेखा जोखा और बैलंस शीट है। विभिन्न पार्टियों के साथ वित्तीय लेन-देन का ब्यौरा है और रेलवे व अन्य कंपनियों से टेंडर संबंधित दस्तावेज, गोपनीय जानकारियां भी हैं। कंपनी के अकाउंट विभाग के अधिकारी व कर्मचारी ने वीएफजीजे नाम के वायरस के बारे में गूगल पर सर्च किया तो कुछ ब्यौरा निकल कर सामने आया। इसमें रैनसम अमाउंट 490/980 का हवाला दिया गया है । अज्ञात अपराधी कंपनी के डाटा रिस्टोर कराने की एवज में 490/980 की राशि चाहता है। इधर, साइबर विशेषज्ञों ने बताया कि यह राशि डालर में होती है और प्रति फाइल मांगी जाती है। इस तरह से लाखों डालर देने पर ही साइबर अपराधी डाटा रिस्टोर करते हैं। इधर, पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया है। मगर अभी कोई सुराग नहीं है।