हिसार एस्ट्रोटर्फ पर अब लड़के भी खेल पाएंगे हॉकी, संयुक्त निदेशक ने जारी किए आदेश

हिसार एस्ट्रोटर्फ पर अब लड़के भी खेल पाएंगे। एस्ट्रोटर्फ बनने के करीब 4 साल बाद अब लड़कों के खेलने के रास्ता साफ होता नजर आ रहा है।

By Edited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 04:12 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:04 PM (IST)
हिसार एस्ट्रोटर्फ पर अब लड़के भी खेल पाएंगे हॉकी, संयुक्त निदेशक ने जारी किए आदेश
हिसार एस्ट्रोटर्फ पर अब लड़के भी खेल पाएंगे हॉकी, संयुक्त निदेशक ने जारी किए आदेश

हिसार, जेएनएन। हिसार एस्ट्रोटर्फ पर अब लड़के भी खेल पाएंगे। एस्ट्रोटर्फ बनने के करीब 4 साल बाद अब लड़कों के खेलने के रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के संयुक्त निदेशक की ओर से पत्र जारी कर जिला खेल अधिकारी को मामले में उचित संज्ञान लेने के आदेश दिए हैं। साथ ही दिशा निर्देश दिया गया है कि इस मामले में जो शिकायत है, उसका समाधान करवाया जाए। गांव डाबड़ा का पूर्व हॉकी खिलाड़ी व कोच राजेंद्र डाबड़ा ने कहा कि खेल विभाग के मुख्यालय ने लड़कों को राहत प्रदान की है। पूर्व में कोच लड़कों को एस्ट्रोटर्फ पर नहीं खेलने दे रहे थे। ऐसे में ग्रामीणों की ओर से खेल मंत्री व प्रशासन को भी शिकायत की गई थी। जिस पर अब संज्ञान लेते हुए लड़कों को खेलने का अवसर मिल पाएगा।

एस्ट्रोटर्फ पर नया कोच तैनात

जिला खेल एवं युवा अधिकारी (डीएसओ) ने इंटरनेशनल हॉकी खिलाड़ी व जूनियर कोच उदिता को एस्ट्रोटर्फ की कमान सौंपी गई है। वह आगामी समय में उदिता हॉकी खिलाड़ियों को को¨चग देगी। इस दौरान डीएसओ कृष्ण बेनीवाल ने भी एस्ट्रोटर्फ का निरीक्षण किया। उस दौरान उन्हें 7 हॉकी खिलाड़ी खेल अभ्यास करती हुई मिली। उन्होंने कहा कि एक कोच छुट्टी पर चल रही है। मौजूदा समय में खिलाड़ियों की प्रैक्टिस की जिम्मेदारी हिसार निवासी जूनियर कोच उदिता को खेल अभ्यास करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

पूर्व कोच का हमेशा रहा तर्क-हमने कभी लड़कों को नहीं रोका

पूर्व में एस्ट्रोटर्फ पर को¨चग देने वाले कोचों का हमेशा तर्क रहा कि उन्होंने कभी किसी लड़कों को हॉकी खेल अभ्यास के लिए नहीं रोका। खेल विभाग के नियमानुसार जो खिलाड़ी यहां अपना पंजीकरण करवाकर कोच के पास नियमित अभ्यास के लिए आएंगे, वे खेल अभ्यास कर सकते हैं। हालांकि डाबड़ा के ग्रामीण राजेंद्र सिहाग का आरोप रहा कि लड़कों को खेलने नहीं देते। कोई खेलने आता है तो उसपर किसी प्रकार का आरोप लगा देते हैं। ऐसे में पूर्व में भी इस मामले ने तूल पकड़ा है। हालांकि ये भी बता दे कि एस्ट्रोटर्फ पर अधिकांश समय तक लड़कियां ही प्रेक्टिस करती रही है।

ये भी जानें

प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एस्ट्रोटर्फ निर्माण कार्य सिरे चढ़वाया। हॉकी स्टेडियम की घोषणा पहली बार बालिका नेशनल हॉकी चैंपियनशिप 1989 में और दूसरी बार साल 2002 में तत्कालीन केंद्रीय खेल मंत्री उमा भारती ने की। वर्ष 2004 में हरियाणा महिला हॉकी संघ अध्यक्ष कृष्णा संपत ¨सह के प्रयासों से करीब 9 एकड़ जमीन एस्ट्रोटर्फ के लिए मिली। साल 2011 में पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेन्द्र ¨सह हुड्डा के आदेश पर निर्माण शुरू हुआ। अगस्त 2016 को खेल प्रेमी योगराज शर्मा के आग्रह पर तत्कालीन खेलमंत्री अनिल विज हॉकी एस्ट्रोटर्फ के पर आए। उनके आदेश पर कार्य में तेजी आई। इस एस्ट्रोटर्फ को इंटरनेशनल मानकों का बनवाने के लिए योगराज शर्मा लंबे समय से प्रयासरत हैं।

---- खेल विभाग के नियमानुसार एस्ट्रोटर्फ पर लड़के खेल सकते हैं। मौजूदा समय में जूनियर हॉकी कोच उदिता को खिलाड़ियों को खेल अभ्यास करवाने के आदेश दिए हैं। एस्ट्रोटर्फ का मैंने निरीक्षण किया है। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है।

- कृष्ण बेनीवाल, डीएसओ, हिसार।

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