दक्षिण एशियाई खेलों में भिवानी की गाैरी और रोहतक की काजल ने सोने-चांदी पर साधा निशाना

गौरी ने 25 मीटर पिस्टल में टीम को दिलाई स्वर्णिम सफलता एकल स्पर्धा में जीता सिल्वर मेडल काजल ने राइफल के 50 मीटर थ्री पोजीशन टीम इवेंट में गोल्ड एकल स्पर्धा में कांस्‍य जीता

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 02:49 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 01:08 PM (IST)
दक्षिण एशियाई खेलों में भिवानी की गाैरी और रोहतक की काजल ने सोने-चांदी पर साधा निशाना
दक्षिण एशियाई खेलों में भिवानी की गाैरी और रोहतक की काजल ने सोने-चांदी पर साधा निशाना

भिवानी/रोहतक, जेएनएन। हरियाणा की बेटियां खेलों में एक बार फिर विश्व पटल पर सोने से दमकीं। नेपाल में चल रहे 13वें दक्षिण एशियाई खेलों में भिवानी की बेटी गौरी श्योराण ने जहां शूटिंग में पिस्टल में स्वर्णिम कामयाबी हासिल की वहीं रोहतक की बेटी काजल सैनी ने राइफल स्पर्धा में स्वर्णिम निशाना साधा। इसके अलावा गौरी ने रजत और काजल ने कांस्य पदक भी अपने नाम किया

भिवानी के गांव गागड़वास की गौरी ने 25 मीटर वूमन पिस्टल में जहां पहले टीम को गोल्ड मेडल दिलाया वहीं इसके बाद इसी स्पर्धा के एकल वर्ग में रजत पदक जीता। उधर, रोहतक की काजल ने राइफल स्पर्धा के 50 मीटर थ्री पोजीशन टीम इवेंट में गोल्ड और इसी इवेंट की व्यक्तिगत स्पर्धा में ब्रांज मेडल जीता।

गौरी प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री चौधरी बहादुर सिंह की पौत्री और आइएएस अधिकारी जगदीप सिंह श्योराण की बेटी हैं। शूटर गौरी के पिता जगदीप सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि गौरी से मैच से पहले बात हुई थी। उसने कहा था-' निशाना गोल्ड पर है पापा। इससे कम मुझे कुछ नहीं चाहिए।

गौरी की उपलब्धियां

-2019 में नीदरलैंड के हेग में इंटरनेशनल चैंपियनशिप खेली और सिल्वर मेडल जीता।

2018 में मलेशिया में हुए वर्ल्‍ड यूनिवर्सिटी गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।

2017 में उन्होंने शूल में वर्ल्‍ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और ब्रॉन्ज मेडल जीता।

2016 में गबाला में हुए वर्ल्‍ड कप में गोल्ड मेडल पर निशाना लगाया।

33 इंटरनेशनल इवेंट में हिस्सा ले चुकी हैं अब तक, 24 मेडल जीत चुकीं।

किराये की राइफल से की थी काजल ने प्रेक्टिस की शुरूआत

काजल का नेशनल से लेकर इंटरनेशनल टूर्नामेंट में पदक जीतने का सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने चार साल पूर्व किराये की राइफल से अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी और एक दफा ऐसी दुविधापूर्ण स्थिति भी आई जब मैच से तुरंत पहले उसे वह किराये की राइफल भी नसीब नहीं हो पाई। मजबूरीवश उसे किसी अन्य खिलाड़ी की राइफल मांगकर मैच खेलना पड़ा था। मगर इस युवा राइफल शूटर ने हिम्मत नहीं हारी और हौसले के साथ संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ती रही। नतीजतन, काजल अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चार पदक जीत चुकी हैं।

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