वार्ड महिला के लिए रिजर्व हुआ तो पार्षद ने सीट बचाने को आनन फानन में रचा दी बेटे की शादी
हिसार में वर्तमान पार्षद का वार्ड महिला के लिए रिजर्व हुआ तो पार्षद ने आनन फानन में बेटे की शादी कर दी, ताकि पुत्रवधू चुनाव लड़ सके।
जेएनएन, हिसार। नगर निगम चुनाव में आरक्षण ने कई दावेदारों का गणित गड़बड़ा दिया। एक तिहाई वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हो गए हैं। ऐसी स्थिति में कोई पत्नी को मैदान में उतारने की तैयारी में है तो कई पुत्र वधू को।
हिसार का वार्ड नंबर 10 अभी तक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। अब अनुसूचित जाति की महिला के लिए हो गया है। यह देख वर्तमान पार्षद ने चौधर सुरक्षित रखने का नया तरीका खोज निकाला। आनन-फानन में बेटे के लिए सुशिक्षित बहू खोजी और 15 दिन में शादी भी करा दी ताकि बहू को चुनाव मैदान में उतार सकें।
हुआ यह कि इस बार ड्रा में वार्ड 10 जब अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो गया तो पार्षद अजीत सिंह पशोपेश में पड़ गए। पत्नी पढ़ी लिखी नहीं है, इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकतीं। बेटा रवि बारहवीं पास है और प्राइवेट कंपनी में काम करता है। सो, अजीत ने उसकी शादी कर पुत्र वधू को चुनाव लड़ाने के लिए सोचा।
इसके बाद बेटे के लिए वधू की खोज शुरू हुई। जल्द ही उन्हें योग्य वधू भी मिल गई। 25 मई 2018 को उन्होंने रोहतक के कलानौर की ममता से शादी कर दी। उनका कहना है कि कि जो काम बेटा कर सकता है, वह बहू भी कर सकती है।
पार्षद अजीत सिंह का कहना है कि पिछड़े वार्ड में काफी काम कराने का प्रयास किया। अभी भी बहुत कुछ किया जाना है। अब पढ़ी-लिखी बहू इस काम को आगे बढ़ाएगी।
बहू बोला, ससुर के सपनों को करूंगी पूरा
वहीं, अजीत सिंह की नवविवाहित बहू ममता का कहना है कि बारहवीं की पढ़ाई कलानौर के सरकारी स्कूल से की। इसके बाद एएनएम का कोर्स किया। अब लक्ष्य पढ़ाई के साथ-साथ ससुर के सपनों को पूरा करना है। मेरी प्राथमिकता महिला स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ना रहेगा।
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