डाक्टरों के बिना कस्बे का सरकारी अस्पताल खुद बीमार

सुनील मान नारनौंद कस्बे के सामान्य अस्पताल इन दिनों डाक्टरों की कमी है। जिसके कारण लोगों

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Jan 2021 06:18 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jan 2021 06:18 AM (IST)
डाक्टरों के बिना कस्बे का सरकारी अस्पताल खुद बीमार
डाक्टरों के बिना कस्बे का सरकारी अस्पताल खुद बीमार

सुनील मान, नारनौंद

कस्बे के सामान्य अस्पताल इन दिनों डाक्टरों की कमी है। जिसके कारण लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही। 28 डाक्टरों में से सिर्फ पांच डाक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वही अस्पताल में तीन साल से रेडियोग्राफर की पोस्ट भी खाली पड़ी हुई है। ऐसे में इलाज करवाने वाले लोग अस्पताल के हालात देखकर मायूस हो लौट जाते हैं।

नारनौंद क्षेत्र में करीब दो लाख जनसंख्या है और 40 गांव है। इसके लिए सरकार ने कस्बे में एक सामान्य अस्पताल व तीन सीएचसी बनाई है। कस्बे के सामान्य अस्पताल में 28 डाक्टरों की पोस्ट मंजूर है। इनमें से सिर्फ सात डाक्टर ही तैनात है। इनमें से भी डाक्टर विवेक तहलान को पंचकूला और डाक्टर विक्रम को हिसार डेपुटेशन पर भेजा गया है। ऐसे में सिर्फ पांच डाक्टरों के हाथ में ही पूरे क्षेत्र के स्वास्थ्य का जिम्मा है। देखा जाए तो 40 हजार की जनसंख्या पर एक डाक्टर मौजूद है। मिर्चपुर सीएससी में सात डाक्टरों के पद है लेकिन यहां केवल एक ही डाक्टर तैनात है। इसी तरह खांडा खेड़ी में भी एक डाक्टर से ही काम चलाया जा रहा है। थुराना में दो पोस्ट है और यह भी एक ही डाक्टर मौजूद है। कस्बे में जितने भी निजी अस्पताल है। उनमें भी कोई भी डाक्टर एमबीबीएस नहीं है। ऐसे में लोगों को अपने इलाज के लिए दूरदराज के शहरों में ही भटकना पड़ता है। अस्पताल में तीन सालों से रेडियोग्राफर की पोस्ट भी खाली पड़ी हुई है। एक्स-रे उतारने की मशीन भी तीन साल से धूल फांक रही है। कस्बे में 50 बेड का अस्पताल चालू है और 100 बेड के अस्पताल को बनाने के लिए बिल्डिग का निर्माण किया जा रहा है।

डाक्टर सोमबीर ने बताया कि डाक्टरों की भारी कमी के चलते दिसंबर के महीने में उसने लगातार 27 दिनों की ड्यूटी दी है। क्योंकि कोरोना के चलते कुछ डाक्टरों की ड्यूटी सैंपलिग में भी लगी हुई है।

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इस संबंध में एसएमओ डाक्टर यशपाल ने बताया कि समय-समय पर उच्च अधिकारियों को डाक्टरों की कमी के बारे में अवगत कराया जाता है। डाक्टरों की कमी के चलते अस्पताल की ओपीडी में कोई बाधा नहीं पहुंच रही है। लोगों को लगातार इलाज की सुविधा दी जा रही है।

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इस समय डेंटल सर्जन डाक्टर दिनेश गुप्ता की ड्यूटी कोरोना सैंपल लेने में लगी हुई है। साथ ही वह सुबह दो घंटे ओपीडी पर भी आने वाले मरीजों को दवाइयां देते हैं। ग्रामीणों की मांग है कि डा. दिनेश गुप्ता को कोरोना की सेंपलिग ड्यूटी हटाकर उनकी डयूटी अस्पताल में ही लगाई जाए।

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