अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा ने सरकार से डेयरी उत्पादों और मशीनरी पर जीएसटी को वापस लेने की कि मांग

पशुपालन संघर्ष समिति हरियाणा संबंधित अखिल भारतीय किसान सभा ने डेयरी उत्पादों और मशीनरी पर जीएसटी को वापस लेने की मांग की है। समिति के संयोजक दिनेश सिवाच ने कहा कि यह 9 करोड़ किसानों के साथ-साथ उपभोक्ताओं और डेयरी सहकारी समितियों पर हमला है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Jul 2022 10:39 PM (IST) Updated:Sun, 03 Jul 2022 10:39 PM (IST)
अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा ने सरकार से डेयरी उत्पादों और मशीनरी पर जीएसटी को वापस लेने की कि मांग
अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा ने सरकार से डेयरी उत्पादों और मशीनरी पर जीएसटी को वापस लेने की कि मांग

जागरण संवाददाता, हिसार : पशुपालन संघर्ष समिति हरियाणा संबंधित अखिल भारतीय किसान सभा ने डेयरी उत्पादों और मशीनरी पर जीएसटी को वापस लेने की मांग की है। समिति के संयोजक दिनेश सिवाच ने कहा कि यह 9 करोड़ किसानों के साथ-साथ उपभोक्ताओं और डेयरी सहकारी समितियों पर हमला है। जीएसटी परिषद ने 28 और 29 जून, 2022 को आयोजित अपनी 47 वीं बैठक में प्री-पैक्ड, प्री-लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क जैसी डेयरी वस्तुओं पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के साथ-साथ डेयरी पर जीएसटी बढ़ाने की सिफारिश की है। मशीनरी और दूध दुहने की मशीनरी पर 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक। अखिल भारतीय किसान सभा की राय है कि इस कदम से डेयरी क्षेत्र पर निर्भर 9 करोड़ से अधिक भारतीय परिवारों और पोषण के लिए दूध और इसके उप-उत्पादों पर निर्भर लाखों गरीब उपभोक्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। डेयरी-किसानों की आजीविका को खतरा होगा और डेयरी मशीनरी पर उच्च जीएसटी लगाने का कदम छोटे कारोबारियों और विशेष रूप से सहकारी क्षेत्र को प्रभावित करेगा। डेयरी मशीनरी और दूध दुहने वाली मशीनों पर जीएसटी बढ़ाने की सिफारिश का असर सहकारी समितियों और वैल्यू एडिशन में काम करने वाली छोटी फर्मों पर पड़ेगा। उच्च व्यय और उच्च कार्यशील पूंजी की आवश्यकता बड़ी पूंजी के पक्ष में होगी। राजकोषीय नीतियों के कारण सहकारी समितियां पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं। संगठन देश भर के डेयरी किसानों, छोटे उद्यमियों और सहकारी क्षेत्र को एकजुट करके विरोध में उठने का आह्वान करता है।

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