अतीत में सरकारों ने नेताजी के अस्तित्व को नजरअंदाज किया : परमानंद

आजाद हिद फौज के सैनिक रहे 102 वर्षीय महाशय परमानंद यादव ने कहा कि दशकों से इंतजार था कि कब नेताजी को सम्मान मिलेगा। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 04:57 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 04:57 PM (IST)
अतीत में सरकारों ने नेताजी के अस्तित्व को नजरअंदाज किया : परमानंद
अतीत में सरकारों ने नेताजी के अस्तित्व को नजरअंदाज किया : परमानंद

अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम

अतीत में सरकारों ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अस्तित्व को नजरअंदाज किया है। आजाद हिद फौज के सैनिक रहे 102 वर्षीय महाशय परमानंद यादव ने कहा कि दशकों से इंतजार था कि कब नेताजी को सम्मान मिलेगा। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी। स्वतंत्रता सेनानी यह जानकारी पाकर भावुक हो गए।

परमानंद ने कहा कि इतिहास अपनी समीक्षा करता है और दशकों पहले जिस राजनीति ने नेताजी के साथ धोखा किया था आज भारत की जनता स्वयं उसकी समीक्षा कर रही है। सेनानी ने कहा कि आज देश नेताजी की 125वीं जयंती मना रहा है। जीवन में एक खुशी हमेशा रही कि सरकारों द्वारा नेताजी की अनदेखी के बाद भी वे भारत के हर बच्चे, युवाओं के दिलों में हीरो बने रहे हैं। भारत को आजादी दिलाने में हमारी आजाद हिद फौज के 26 हजार सैनिक साथियों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है। हजारों सैनिकों ने क्रूर अंग्रेजों की जेल में कष्ट सहन किया लेकिन आजाद भारत में नेताजी जिस सम्मान के हकदार थे राजनीति ने उन्हें वंचित रखा।

परमानंद ने कहा कि अंग्रेजों ने स्वयं माना था कि आजाद हिद फौज और भारतीय नेवी सैनिकों के विरोध के कारण उन्होंने भारत को छोड़ने का फैसला कर लिया था। नेताजी राष्ट्रीय हीरो थे लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि आजादी के बाद उनकी चली जो नेताजी के खिलाफ थे। देश के बच्चों और युवाओं को नेताजी की जीवनी और उनके संघर्षों की जानकारी से दूर रखा गया। सेनानी ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि जो भारत की संस्कृति और बलिदानियों को सम्मान दें, उनका साथ दो।

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