ऑटोमोबाइल क्षेत्र को जीएसटी दर में कमी करके दी जाए राहत
कोरोना वायरस जनित महामारी के आने के पूर्व से ही ऑटोमोबाइल सेक्टर की स्थिति संतोषजनक नहीं थी।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
कोरोना वायरस जनित महामारी के आने के पूर्व से ही ऑटोमोबाइल सेक्टर की स्थिति संतोषजनक नहीं थी। अब तो हालत और भी संकटपूर्ण हो गई है। ऐसे में इस क्षेत्र के उद्यमियों द्वारा लगातार इस बात की मांग की जा रही है कि सरकार उनके लिए ठोस कदम उठाए। अभी जिस राहत पैकेज की घोषणा केंद्र सरकार ने की है उसका फायदा उद्योग जगत को किस प्रकार से और कब तक मिलेगा, इसकी जानकारी अधिसूचना के बाद ही लगेगी। फिलहाल अभी तात्कालिक राहत गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में कमी देकर दी जा सकती है। अभी ऑटोमोबाइल सेक्टर पर 28 फीसद जीएसटी लगती है।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों द्वारा पिछले साल से ही जीएसटी दर में छूट की मांग की रही है। उनका कहना है कि यह बिल्कुल सही समय है जब केंद्र सरकार इस पर अमल करे। ऐसा नहीं होने पर देरी हो सकती है। औद्योगिक विशेषज्ञों का कहना है कि देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प में संचालन शुरू होने के बाद भी वाहनों के निर्माण की गति तेजी नहीं पकड़ रही है। इन बड़ी कंपनियों की ओर से अपनी आंसिलरी के साथ-साथ टीयर टू कंपनियों को अभी तक प्रोडक्शन का कोई खास शेड्यूल नहीं मिला हैं। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में तब तक गति नहीं आएगी जब तक वाहनों की डिमांड मार्केट में नहीं होगी। सरकार के पास इस डिमांड को पैदा करने का सबसे सशक्त तरीका है जीएसटी दर को 28 फीसद से घटाकर 18 फीसद करना। जीएसटी में यह कमी प्रोडक्शन से लेकर सेल प्वाइंट तक करना होगा। तभी बात आगे बढ़ पाएगी। यदि सरकार वास्तव में ऑटोमोबाइल क्षेत्र को राहत देना चाहती है इसका सबसे आसान तरीका है जीएसटी दर को 28 से घटा कर 18 फीसद कर दिया जाए। इससे कार से लेकर दोपहिया वाहनों तक की डिमांड बढ़ जाएगी। ऐसा होगा तो उत्पादन में भी तेजी आएगी। इस काम जल्द से जल्द करना होगा नहीं तो बहुत देरी हो जाएगी।
दीपक मैनी, डायरेक्टर, डीएम ऑटोमोटिव