बरसाती पानी के निकासी की नहीं व्यवस्था

आइएमटी मानेसर में पानी की खास व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसाती पानी नालों के माध्यम से बह जाता है। तेज बारिश होने पर यहां के उद्यमियों और श्रमिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार तो अधिक जलभराव होने से लोगों की गाड़ी भी खराब हो जाती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Jul 2018 06:05 PM (IST) Updated:Sun, 08 Jul 2018 06:05 PM (IST)
बरसाती पानी के निकासी की नहीं व्यवस्था
बरसाती पानी के निकासी की नहीं व्यवस्था

जागरण संवाददाता, मानेसर : आइएमटी मानेसर में पानी की खास व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसाती पानी नालों के माध्यम से बह जाता है। तेज बारिश होने पर यहां के उद्यमियों और श्रमिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार तो अधिक जलभराव होने से लोगों की गाड़ी भी खराब हो जाती हैं। हरियाणा इंडस्ट्रीयल एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (एचएसआइआइडीसी) द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में एक ही नाला बनाया गया है जिससे बारिश का पानी और गंदा पानी क्षेत्र से बाहर जाता है। तेज बारिश में औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों पर जलभराव हो जाता है। इससे यहां के उद्यमियों और कंपनी परिसर में कार्यरत कर्मचारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। आइएमटी में रेनवाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम भी नहीं बनाए गए हैं। इसके कारण यहां का जलस्तर भी लगातार गिर रहा है। कुछ बड़ी कंपनियों में तो प्रबंधन द्वारा रेनवाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम तैयार किए गए हैं लेकिन इनमें केवल कंपनी परिसर से ही बारिश का पानी जमीन में जाता है। पहाड़ी और अन्य क्षेत्र से आने वाला बारिश का पानी नालों के माध्यम से ही निकाला जाता है। आइएमटी के उद्यमियों ने कई बार मांग भी की है। उद्यमी प्रवीण शर्मा का कहना है कि एचएसआइआइडीसी के अधिकारियों को कई बार यहां रेनवाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम लगाने की मांग की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बैठकों में भी इस मुद्दे को उठाया गया है लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उद्यमी मनोज यादव ने बताया कि यहां बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं कि गई है। इस कारण क्षेत्र में बारिश के बाद जलभराव हो जाता है। सेक्टर 7, लेबर चौक और हमदर्द कंपनी के सामने वाली सड़क पर तो दो फुट तक पानी जमा हो जाता है। अनिल शर्मा ने बताया कि निकासी की व्यवस्था की जानी चाहिए। रेनवाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम बनाने के साथ बड़े तालाबों का निर्माण किया जाना चाहिए। इनमें बारिश का पानी स्टोर कर आगे इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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