घरों को लुक बदलने को मिनिमलिस्टिक इंटीरियर में कम से कम सामान रखने का ट्रेंड
इंटीरियर डिजाइनर पूर्वा चौहान का कहना है कि अब कमरों में अतिरिक्त सजावटी सामानों को नहीं रखा जा रहा है।
गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। कहते हैं, कहीं भी घूम आएं लेकिन सुकून घर पर ही पहुंचकर आता है। ऐसे में घरों पर बेहतर माहौल और सकारात्मक ऊर्जा के लिए लोग अब इंटीरियर मेकओवर करवा रहे हैं। इस मेकओवर का मुख्य उद्देश्य घर की साफ सफाई और सेनिटाइजेशन है।
लोग चाहते हैं कि घर पूरी तरह सुरक्षित हों ताकि किसी प्रकार का संक्रमण का खतरा न रहे। ऐसे में लोग अलग-अलग तरह से इंटीरियर मेकओवर की मांग कर रहे हैं। ऐसे में डिजाइनर मिनिमलिस्टिक इंटीरियर को तरजीह दे रहे हैं।
क्या है मिनिमलिस्टिक इंटीरियर
इंटीरयिर एक्सपर्ट हिना अबरॉल का कहना है कि इंटीरियर मेकओवर इस समय में बहुत जरूरी हो गया है। अब वक्त आ गया है कि घर की रद्दी निकालने से लेकर अनावश्यक वस्तुओं को घर से निकालकर उसमें स्पेस बढ़ाएं। घरों में सामान कम करके ही हाइजीन सुरक्षित कर सकते हैं। कम से कम सामान के साथ किया इंटीरियर मिनिमलिस्टिक इंटीरियर के नाम से हिट हो रहा है।
साधारण दरो-दीवार को तरजीह
इन दिनों दीवारों पर पेंट, पेंटिंग, वॉलपेपर और अन्य सजावटों का ट्रेंड नहीं रहा। डिजाइनर्स बदलते वक्त की बदली जरूरतों के हिसाब से दीवारों को केवल पेंट के माध्यम से ही खूबसूरती दे रहे हैं। हिना का कहना है कि दीवारों पर हेवी पेंटिंग और वॉलपेपर अब बीते दिनों की बातें हो गई हैं। हां, इसके बदले दीवारों पर शेडेड पेंट किया जा रहा है। इससे दीवारें बिना पेंटिंग या अतिरिक्त सजावट के खूबसूरत हो रही हैं।
न रखें कॉर्नर
इंटीरियर डिजाइनर पूर्वा चौहान का कहना है कि अब कमरों में अतिरिक्त सजावटी सामानों को नहीं रखा जा रहा है। कम से कम सामान में इंटीरयिर डेकोरेशन के इस ट्रेंड में कॉर्नर हटाए जा रहे हैं। स्टफ टॉयज और अन्य धूल-मिट्टी आकर्षित करने वाले खिलौने और सजावटी सामानों को भी इस इंटीरियर में जगह नहीं दी जा रही है।
कम फर्नीचर का आया चलन
अब घरों में फर्नीचर भी कम से कम रखे जा रहे हैं। हिना अबरॉल का कहना है कि अक्सर कई फर्नीचर केवल घरों की शोभा बढ़ाते नजर आते हैं, इनका कोई खास उपयोग नहीं होता। ऐसे में ऐसे सोफे से लेकर स्टूल और डाइनिंग टेबल तक हटाए जा रहे हैं। लोगों को आवश्यक फर्नीचर रखने की ही सलाह दी जा रही है।
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