पढ़िये- रिटायर्ड होने की उम्र में 12वीं पास करने वाले धान सिंह की रोचक स्टोरी, हो जाएंगे हैरान

NIOS 12th result 2020 धान सिंह तोमर ने वर्ष 2017 में कक्षा 10वीं पास की और अब 2020 में कक्षा 12वीं की परीक्षा में 56 फीसद अंक प्राप्त किए हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 06:20 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 10:59 AM (IST)
पढ़िये- रिटायर्ड होने की उम्र में 12वीं पास करने वाले धान सिंह की रोचक स्टोरी, हो जाएंगे हैरान
पढ़िये- रिटायर्ड होने की उम्र में 12वीं पास करने वाले धान सिंह की रोचक स्टोरी, हो जाएंगे हैरान

गुरुग्राम [सोनिया]। NIOS 12th result 2020:  ज्ञान प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती, यह साबित कर दिखाया 61 वर्षीय धान सिंह तंवर ने। किन्हीं वजहों से वर्ष 1976 में कक्षा दस की पढ़ाई छोड़ चुके धान सिंह ने 41 साल बाद बाद दोबारा से पढ़ाई शुरू की और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (National Institute of Open Schooling) से कक्षा 10वीं और फिर 12वीं की परीक्षा पास की। उनका कहना है कि इंसान जीवन में ज्ञान के बूते ही आगे बढ़ सकता है।

धान सिंह तंवर ने बताया कि वर्ष 1979 में परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी। इस कारण उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल से पत्र लिखकर अपनी कक्षा 10वीं की फीस माफ भी करवाई लेकिन कॉपी, पेन और किताब खरीदने को लेकर भी जब समस्या आई तो उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद परिवार का जीवनयापन करने के लिए खेतीबाड़ी व पशुपालन करना शुरू कर दिया। अब बेटी-बेटों की शादी की और पोते-पोती होने के बाद लगा कि परिवार के प्रति अब जिम्मेदारियां पूरी हो गई हैं तो उन्होंने दोबारा से अपनी पढ़ाई नियमित करने की ठानी। फिर हिम्मत जुटाते हुए कक्षा 10वीं की परीक्षा देने की तैयारी शुरू कर दी। वर्ष 2017 में कक्षा 10वीं की परीक्षा पास की और अब 2020 में कक्षा 12वीं की परीक्षा में 56 फीसद अंक प्राप्त किए हैं।

आगे की पढ़ाई भी रखेंगे जारी

धान सिंह तंवर का कहना है कि बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद अब वह आगे भी पढ़ाई जारी रखेंगे। जल्द ही उच्च शिक्षा के लिए एलएलबी (Bachelor of Legislative Law) में दाखिला लेंगे। वह अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहते हैं। माता-पिता के आशीर्वाद से ही वह अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी कर पाए हैं। उन्होंने बताया कि कादरपुर से शिक्षक ओमबीर ने उन्हें दोबारा से पढ़ाई के लिए प्रेरित किया है। इसके अलावा जब वह बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे थे तो उनके पोते मंजीत व भंवरजीत सिंह तंवर ने भी उनको आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।

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