गुरुग्रामः बिना फायर एनओसी के शराब के गोदामों के लिए नहीं मिलेगा लाइसेंस, अग्निशन शाखा लिखेगा विभाग को पत्र
सहायक मंडल अग्निशमन अधिकारी ईशम सिंह कश्यप ने कहा कि गोदामों की फायर एनओसी देने के लिए बिल्डिंग प्लान का मंजूर होना जरूरी है। अवैध गोदामों को लाइसेंस जारी नहीं करने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग को पत्र लिखा जाएगा।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। शहर में संचालित 15 से ज्यादा अवैध शराब के गोदामों को लाइसेंस नहीं देने के लिए अग्निशमन शाखा की ओर से आबकारी एवं कराधान विभाग को पत्र लिखा जाएगा। शराब के इन गोदामों में आगजनी से सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। गोदाम संचालकों के पास फायर एनओसी यानी अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं है। शराब में अल्कोहल की मात्रा होती है और आग लगने पर बड़ा हादसा हो सकता है। ज्यादातर शराब के गोदाम एल-1, एल-1 बी, एल-13 अस्थायी शेड में बने हुए हैं। इन गोदामों का बिल्डिंग प्लान भी मंजूर नहीं हैं।
शहरी स्थानीय निकाय एवं अग्निशमन सेवा मुख्यालय पंचकूला की ओर से इन गोदामों की फायर एनओसी के नवीनीकरण पर रोक लगा दी गई थी। नियमानुसार इनको सील करने के साथ ही जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी की जा सकती है। 10 अगस्त को गोदामों की फायर एनओसी नवीनीकरण के बारे में नगर निगम कार्यालय द्वारा मुख्यालय को पत्र भेजकर एनओसी देने के संबंध में सुझाव मांगे थे, जिस पर मुख्यालय ने एनओसी देने पर रोक लगा दी थी।
हो सकता है हादसा
शराब के गोदाम शहर से बाहर होने चाहिए। लेकिन सेक्टर 40, राजीव नगर, सेक्टर 17-18, ज्वाला मील के नजदीक सहित अन्य कई जगहों पर रिहायशी इलाकों में शराब के गोदाम बने हुए हैं। आगजनी होने पर जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है।
ये नियम पूरे करने पर ही मिल सकती है एनओसी
- शराब का गोदाम नेशनल बिल्डिंग कोड यानी राष्ट्रीय भवन कोड 2016 की भंडारण भवन श्रेणी के अनुसार बना होना चाहिए।
-गोदाम भवन की ऊंचाई 15 मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
-संबंधित विभाग से बिल्डिंग प्लान की मंजूरी होना जरूरी है।
- राष्ट्रीय भवन कोड के मुताबिक इसमें फायर सिस्टम लगे होने चाहिए।
- अवैध गोदामों की फायर एनओसी नहीं दी जाएगी और न ही इनका नवीनीकरण किया जाएगा।
सहायक मंडल अग्निशमन अधिकारी ईशम सिंह कश्यप ने कहा कि गोदामों की फायर एनओसी देने के लिए बिल्डिंग प्लान का मंजूर होना जरूरी है। अवैध गोदामों को लाइसेंस जारी नहीं करने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग को पत्र लिखा जाएगा।
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