Delhi-Gurugram Expressway: द्वारका एक्सप्रेस-वे से दिल्ली की ओर जाना होगा महंगा, 15 से 20 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करना लोगों की मजबूरी

Delhi-Gurugram Expressway दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे होकर दिल्ली में प्रवेश करना होगा। यानी दोनों स्थितियों में जेब पर बोझ बढ़ेगा।खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से लेकर दिल्ली में महिपालपुर के नजदीक शिवमूर्ति के सामने तक द्वारका एक्सप्रेस-वे बन रहा है।

By Pradeep Kumar ChauhanEdited By: Publish:Mon, 15 Aug 2022 09:21 PM (IST) Updated:Mon, 15 Aug 2022 09:21 PM (IST)
Delhi-Gurugram Expressway: द्वारका एक्सप्रेस-वे  से दिल्ली की ओर जाना होगा महंगा, 15 से 20 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करना लोगों की मजबूरी
Delhi from Dwarka Expressway: गुरुग्राम से सटे दिल्ली के इलाके में टोल प्लाजा बनाया जाएगा।

गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। Dwarka ExpresswayToll Plaza: द्वारका एक्सप्रेस-पर टोल प्लाजा बनाने के निर्णय से आसपास रहने वाले लाखों लोग चिंतित हैं। अब दिल्ली की तरफ जाने के लिए उन्हें टोल टैक्स देना होगा। टोल देने से बचना चाहेंगे तो कम-से-कम 15 से 20 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी, यानी दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे होकर दिल्ली में प्रवेश करना होगा। यानी, दोनों स्थितियों में जेब पर बोझ बढ़ेगा।खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से लेकर दिल्ली में महिपालपुर के नजदीक शिवमूर्ति के सामने तक द्वारका एक्सप्रेस-वे बन रहा है।

गुरुग्राम से सटे दिल्ली के इलाके में टोल प्लाजा बनाया जाएगा। गुरुग्राम इलाके में द्वारका एक्सप्रेस-वे के आसपास सेक्टर-81 से लेकर सेक्टर-115 तक इसे विकसित किया जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक इन सेक्टरों में फिलहाल ढाई लाख लोग रहते हैं। आसपास के गांवों की भी आबादी काफी है। फिलहाल अधिकतर लोग दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे से ही दिल्ली जाते-आते हैं।द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू होने के बाद आसपास रहने वाले लाखों लोग काफी खुश थे, लेकिन कुछ दिन से परेशान हैं।

खुशी इस बात की थी कि एक्सप्रेस-वे बनते ही वे 10 से 15 मिनट में दिल्ली में प्रवेश कर जाएंगे। चिंता टोल प्लाजा बनाए जाने के निर्णय से बढ़ गई है। सभी यही कह रहे हैं कि द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा नहीं बनाया जाना चाहिए। इससे दिल्ली और गुरुग्राम के लोगों की परेशानी बढ़ेगी। आपस में मिलने-जुलने के लिए टोल देना होगा। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग छोटे-छोटे कार्य के लिए भी दिल्ली जाते-आते रहते हैं। जितनी बार जाएंगे, उतनी बार टोल देना होगा। दिल्ली-एनसीआर में कहीं भी टोल प्लाजा नहीं होना चाहिए। दिल्ली-गुरुग्राम अलग-अलग नहीं है, बल्कि एक यूनिट है। टोल प्लाजा बनाए जाने का मतलब दोनों को अलग-अलग देखना है। इससे विकास प्रभावित होगा। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव भी इससे कम नहीं होगा। दबाव तब कम होगा, जब द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा नहीं होगा।-प्रवीण मलिक, अध्यक्ष, यूनाइटेड एसोसिएशन आफ न्यू गुरुग्राम दिल्ली-एनसीआर को टोल प्लाजा से मुक्त किया जाए। जब तक दिल्ली-एनसीआर को एक यूनिट नहीं माना जाएगा, तब तक बात नहीं बनेगी। द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा बनाने से परेशानी काफी बढ़ जाएगी। यह टोल प्लाजा औद्योगिक विकास के लिए भी सही नहीं होगा। खेड़कीदौला टोल प्लाजा की वजह से औद्योगिक विकास कितना प्रभावित हो रहा है, सभी को पता है।-पवन जिंदल, अध्यक्ष, दौलताबाद रोड इंडस्टि्रयल एसोसिएशन

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