सप्ताह का साक्षात्कार : कोरोना संकट को लेकर एक बार फिर जागरूकता पर रहेगा जोर

अनलॉक-1 शुरू होने के साथ ही आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी हैं। सीमावर्ती इलाकों में लगाए गए सभी नाके हटा दिए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Jun 2020 03:49 PM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 03:49 PM (IST)
सप्ताह का साक्षात्कार : कोरोना संकट को लेकर एक बार फिर जागरूकता पर रहेगा जोर
सप्ताह का साक्षात्कार : कोरोना संकट को लेकर एक बार फिर जागरूकता पर रहेगा जोर

अनलॉक-1 शुरू होने के साथ ही आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी हैं। सीमावर्ती इलाकों में लगाए गए सभी नाके हटा दिए गए हैं। इससे गुरुग्राम-दिल्ली के बीच रूटीन में आवाजाही धीरे-धीरे तेज होने लगी है। ऐसे में वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी का पालन करना गुरुग्राम पुलिस के लिए काफी चुनौती भरा काम है। पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 100 से अधिक पहुंच रही है। कंटेनमेंट जोन की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए गुरुग्राम पुलिस की क्या तैयारी है, ट्रैफिक का दबाव बढ़ने से जगह-जगह नाके लगाना संभव नहीं ऐसे में कैसे बिना मास्क पहने लोगों के ऊपर नजर रखी जाएगी, क्या लॉकडाउन गुरुग्राम में सफल रहा सहित कई सवालों को लेकर दैनिक जागरण के आदित्य राज ने गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है मुख्य अंश : अनलॉक-1 शुरू होने के साथ ही काफी छूट दे गई, ऐसे में कैसे शारीरिक दूरी का पालन होगा?

- जिस प्रकार शुरुआत में गुरुग्राम पुलिस ने सख्ती के साथ जागरूकता के ऊपर काफी जोर दिया था उसी तरह अब जोर दिया जाएगा। शहर से लेकर गांव तक के इलाके में लोगों को जागरूक किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में सक्रिय संगठनों से लेकर आरडब्ल्यूए से संपर्क किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंचों एवं पंचों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि कोरोना वायरस का संक्रमण फिलहाल खत्म होने वाला नहीं है। ऐसी स्थिति में आर्थिक व अन्य गतिविधियों पर अधिक दिनों तक रोक लगाना संभव नहीं। ऐसे में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सभी अपना काम करें। घरों से बाहर निकलने पर मास्क निश्चित रूप से लगाएं। समय-समय पर अपने हाथ को साफ जरूर करें। जहां तक पुलिस का सवाल है तो सभी थाना पुलिस अपने इलाकों में नजर रख रही है। शहर के भीतर के सभी नाके हटा दिए गए फिर लोगों पर कैसे रखी जाएगी सीधी नजर?

- देखने से लगता है कि सभी नाके हटा दिए गए। सच्चाई यह है कि जहां पर भी नाके लगाए गए थे, उन सभी जगहों पर पुलिस पहले की तरह ही सक्रिय है। संख्या भले ही कम हो गई है। पुलिसकर्मी लोगों के ऊपर पैनी नजर रख रहे हैं। यही नहीं पीसीआर लगातार अपने इलाकों में राउंड मारती रहती है। सभी चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस अलर्ट है। नाके हटाने का यह मतलब नहीं है कि पुलिस सड़कों से हट गई। बाइक सवार ही नहीं बल्कि कार सवार से लेकर ट्रक एवं डंपर सहित अन्य वाहनों के चालकों के ऊपर भी नजर रखी जा रही है ताकि सभी मास्क लगाकर ही बाहर निकलें। इसका व्यापक असर दिख रहा है। मरीजों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में क्या लॉकडाउन को सफल कहा जा सकता है?

- लॉकडाउन का उद्देश्य क्या था, इसे हर किसी को समझना होगा। इसका मुख्य उद्देश्य था शारीरिक दूरी के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ ही संक्रमण को आगे टालना ताकि वायरस कमजोर हो जाए। वायरस के कमजोर होने का ही असर है कि अब तीन से चार दिन में ही लोग ठीक हो रहे हैं। जहां तक जागरूकता का सवाल है तो अधिकतर लोग शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। अधिकतर लोग मास्क लगाकर ही बाहर निकल रहे हैं। दिन भर में कई बार हाथ साफ करने लगे हैं। यही लॉकडाउन की सफलता है। एक बात और जितने लोगों की मौत हुई उनमें से एक भी ऐसा मरीज नहीं था जिसे कोरोना का संक्रमण हुआ और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सभी पहले से ही किसी न किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे। उन बीमारियों के इलाज के दौरान उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था। ऐसे में कैसे कहा जा सकता है कि मौत केवल कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से ही हुई थी। लॉकडाउन में छूट मिलते ही सड़क दुर्घटनाएं बढ़ने लगी हैं, कैसे लगाम लगाएंगे?

- ऐसा नहीं है कि सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं। पहले की अपेक्षा काफी कम हुई हैं। इसके ऊपर पूरी तरह लगाम लगाने का सवाल है तो तभी संभव है जब सभी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। दुर्घटनाएं किसी न किसी की लापरवाही की वजह से होती है। लोगों को चाहिए कि वे ट्रैफिक नियमों के हिसाब से वाहन चलाएं। जहां तक पुलिस का सवाल है कि ट्रैफिक पुलिस को और अधिक सक्रिय किया जाएगा। सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस राउंड मारती रहेगी इससे नियमों का उल्लंघन करने वालों में डर पैदा होगा। साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।

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:::: परिचय :::::

नाम : मोहम्मद अकील

जन्मतिथि : एक जनवरी 1966

शिक्षा : बीटेक (सिविल इंजीनियरिग)

सेवा : 1989 बैच के हरियाणा कैडर के आइपीएस। कई जिलों में पुलिस अधीक्षक रहे। पदोन्नति के बाद पुलिस महानिरीक्षक (लॉ एंड आर्डर) की जिम्मेदारी दी गई। पुलिस महानिरीक्षक से पदोन्नत होने के बाद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड आर्डर) की जिम्मेदारी सौंपी गई। केंद्र में कई साल डेपुटेशन पर रहे। वर्तमान में गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

----- आदित्य राज ----

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