हड़ताल पर रहे डॉक्टर, 9-10 को और बड़ी हड़ताल की चेतावनी

बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने एक दिन की हड़ताल कर ओपीडी सेवाएं बद रखी। जिला के 100 से ज्यादा डॉक्टरों ने सेवाएं नहीं दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Sep 2019 05:03 PM (IST) Updated:Thu, 05 Sep 2019 05:20 PM (IST)
हड़ताल पर रहे डॉक्टर, 9-10 को और बड़ी हड़ताल की चेतावनी
हड़ताल पर रहे डॉक्टर, 9-10 को और बड़ी हड़ताल की चेतावनी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सरकारी डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर बृहस्पतिवार को दो घंटे हड़ताल पर रहे। हड़ताल के दौरान जिले के 100 से ज्यादा डॉक्टरों ने सुबह 8 से 10 बजे तक ओपीडी सेवाएं बंद रखीं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी व तीन ओपीडी को छोड़कर अन्य ओपीडी बंद रहीं, जिसके चलते मरीज परेशान भटकते रहे। गायनी सहित तीन ओपीडी को स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं दे रहे नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के डॉक्टरों के सहारे चलाया गया। इनमें बुखार से पीड़ित मरीजों को भी देखा गया।

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. एमपी सिंह ने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग के सभी डॉक्टरों ने हड़ताल में भाग लिया। उन्होंने कहा कि सरकार अगर जल्द कदम नहीं उठाती तो 9 सितंबर को ओपीडी व पोस्टमार्टम की सेवाएं नहीं दी जाएंगी और 10 सितंबर को ओपीडी, पोस्टमार्टम, इमरजेंसी सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। इससे पहले डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर 29 अगस्त को दो घंटे की हड़ताल रखी थी। डॉक्टरों की क्या हैं मांगें

डॉक्टरों की मांग है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अतिरिक्त इंक्रीमेंट और नए डॉक्टरों के लिए पंजाब के बराबर तनख्वाह होनी चाहिए। यह मांग पुरानी है और सरकार ने पहले आश्वासन भी दिया था। लेकिन सरकार ने उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया।

एनएचएम डॉक्टरों ने चलाई तीन ओपीडी :

गायनी वार्ड और हड्डी रोग व जनरल ओपीडी में बुखार से भी पीड़ित मरीजों को देखा गया। प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपा जाखड़ ने कहा कि कुछ नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं दे रहे हैं तो हड़ताल के समय उन्हें अस्पताल में बुला लिया गया था और मरीजों को सेवाएं दी गईं। गायनी वार्ड में गर्भवती महिलाओं को बेहतर सेवाएं देने के लिए एनएचएम में कार्यरत महिला डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिन्होंने सेवाएं दी। बुखार से ग्रस्त जो मरीज अस्पताल आया है उसे इलाज देकर घर भेजा है। कुछ को इमरजेंसी व कुछ को ओपीडी इलाज दिलाया गया है। डॉ. दीपा ने कहा कि 821 मरीजों को इमरजेंसी व कुछ ओपीडी में इलाज दिया गया और 45 मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में दाखिल किया गया। हड़ताल के कारण मरीज रहे परेशान

डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीज परेशान रहे। सेक्टर-10 जिला अस्पताल में तीन ओपीडी खुली हुई थीं। सेक्टर-31 पॉलीक्लीनिक में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप रहीं। अपनी मांगों को लेकर सभी डॉक्टर सेक्टर 31 के अस्पताल में जमा हुए। ओपीडी खुली नहीं होने कारण मरीज वापस लौट गए। सभी को शुक्रवार को बुलाया गया है। मेरा टीबी बीमारी का इलाज चल रहा है और दवा लेने आई थी। हड़ताल के कारण डॉक्टर ओपीडी में नहीं थे। अब शुक्रवार को बुलाया है। हड़ताल के बारे में जानकारी नहीं थी। अगर पहले से ही जानकारी होती, तो अस्पताल नहीं आते।

-सबीना खातून, मरीज मेरे कान में दर्द होने कारण मैं इलाज के लिए आई थी। हड़ताल होने कारण डॉक्टर नहीं मिले हैं। इमरजेंसी में दिखाया है तो डॉक्टर ने कुछ दवा लिखी है और शुक्रवार को बुलाया है ताकि विशेषज्ञ को दिखाया जा सके।

-रानी, मरीज

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