परिजनों के सामने दुष्कर्म की घटना से दहशत में महिलाएं
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सेक्टर 56 इलाके में परिजनों के सामने ही एक महिला के साथ दुष्कम
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सेक्टर 56 इलाके में परिजनों के सामने ही एक महिला के साथ दुष्कर्म की घटना ने कॉल सेंटरों से लेकर अन्य सेक्टरों में काम करने वाली महिलाओं को हिला दिया है। सभी का कहना है कि जब परिजनों के साथ भी महिलाएं सुरक्षित नहीं फिर कहां पर सुरक्षित हैं। गुरुग्राम पुलिस को इस विषय पर विचार करना चाहिए।
साउथ सिटी में रह रहे मूल रूप से पश्चिम बंगाल निवासी एक परिवार रविवार को सेक्टर 56 इलाके में अपने रिश्तेदार के घर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचा था। परिवार के सात सदस्य एक ही कार से गए थे। एक महिला सदस्य भी अपने पति के साथ पहुंची थी। देर रात लौटने के दौरान एक सदस्य को लघुशंका आने की वजह से गोल्फ कोर्स रोड के नजदीक कार रोकी गई थी। कार रोकते ही दो अन्य कार मौके पर पहुंच गई। दोनों कारों में कुल पांच युवक थे। सभी नशे में धुत थे। आरोप है कि पांचों ने कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रहे लोगों से पूछताछ शुरू कर दी कि कैसे खड़े हो। इसके बाद सभी ने मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच एक युवक परिजनों के सामने ही महिला को खींचकर झाड़ी की तरफ ले गया और दुष्कर्म किया। इसके बाद पांचों फरार हो गए। घटना की शिकायत मिलते ही सेक्टर 56 थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर कुछ ही घंटे के भीतर पांचों आरोपियों को काबू कर लिया। चार की पहचान सोहना के नजदीक गांव जोहलका निवासी देशवीर, धर्मेंद्र, पवन एवं संजीत के रूप में की गई। एक आरोपी पवन शर्मा की पहचान गांव तिगरा निवासी के रूप में की गई। इनमें से संजीत के ऊपर दुष्कर्म का आरोप है। सभी को मंगलवार अदालत में पेश किया गया। संजीत को एक दिन की रिमांड पर लिया गया जबकि अन्य को न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया।
किसी भी इलाके में महिलाएं सुरक्षित नहीं
नाम न छापने की शर्त पर महिलाओं ने बताया कि दुष्कर्म की घटनाएं काफी सामने आई हैं लेकिन सेक्टर 56 इलाके की घटना ने सभी को हिला दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि परिजनों के सामने दुष्कर्म की घटना हुई है। जब परिजनों के सामने युवक ऐसी हिम्मत कर सकते हैं फिर जो महिलाएं अकेले कहीं काम करने आती-जाती हैं, उनकी सुरक्षा की क्या गारंटी है।
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निश्चित रूप से सेक्टर 56 की घटना ने सभी को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। आवश्यकता है पुलिस को और अधिक सक्रियता दिखाने की। साथ ही लोग अपने बच्चों के ऊपर ध्यान दें। जो भी घृणित कार्य कर रहे हैं वे किसी न किसी परिवार के सदस्य ही हैं। हालांकि पहले की मुकाबले महिला सुरक्षा को लेकर काफी जागरूकता पैदा हुई लेकिन अभी भी बहुत काम करने की आवश्यकता है।
- प्रीति भारद्वाज, उपाध्यक्ष, हरियाणा महिला आयोग