फास्टैग अनिवार्य होने के बाद भी लग रहा जाम

फास्टैग अनिवार्य किए जाने के बाद भी खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर ट्रैफिक का दबाव अपेक्षाकृत कम नहीं हुआ है। खासकर पीक आवर के दौरान सुबह आठ बजे से 11 बजे तक एवं शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक दोनों तरफ वाहनों की लाइनें लग जाती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 06:53 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:53 PM (IST)
फास्टैग अनिवार्य होने के बाद भी लग रहा जाम
फास्टैग अनिवार्य होने के बाद भी लग रहा जाम

जासं, गुरुग्राम : फास्टैग अनिवार्य किए जाने के बाद भी खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर ट्रैफिक का दबाव अपेक्षाकृत कम नहीं हुआ है। खासकर पीक आवर के दौरान सुबह आठ बजे से 11 बजे तक एवं शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक दोनों तरफ वाहनों की लाइनें लग जाती हैं। इससे लोग काफी परेशान हैं। उनकी मांग है कि कुछ ऐसा सिस्टम किया जाए कि जिनके फास्टैग में बैलेंस नहीं है या फिर कैश वाले वाहन है वो किसी भी हाल में फास्टैग की लेन में न प्रवेश कर सकें।

दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा में कुल 25 लेन हैं। इनमें से 19 लेन में फास्टैग अनिवार्य है। टोल प्लाजा से होकर प्रतिदिन औसतन 85 हजार वाहन (टोल के दायरे वाले) निकलते हैं। इनमें से 80 फीसद वाहन में फास्टैग है। इसके बाद भी ट्रैफिक का दबाव अपेक्षाकृत कम नहीं हो रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि काफी वाहन चालक समय से फास्टैग रिचार्ज नहीं कराते हैं। बैलेंस नहीं होने की वजह से काउंटर के नजदीक वाहन को रोक दिया जाता है। ऐसी स्थिति में पीछे वाहनों की लाइन लग जाती है। पीक आवर के दौरान दोनों तरफ की लगभग सभी लेन में ऐसी ही स्थिति रहती है।

मानेसर स्थित एक ऑटोमोबाइल कंपनी में काम करने वाले सेक्टर-46 निवासी रमेश कुमार एवं नरेश वर्मा कहते हैं कि कुछ ऐसा सिस्टम विकसित किया जाए कि जिसके फास्टैग में बैलेंस नहीं है, उसकी पहचान लेन शुरू होने से पहले ही चल जाए। इस बारे में टोल प्लाजा प्रबंधक राजेंद्र सिंह भाटी कहते हैं कि ऐसा सिस्टम नहीं है। वाहन चालकों से अपील की जा रही है कि वे समय पर फास्टैग रिचार्ज कराएं। यदि फास्टैग में बैलेंस नहीं है तो कैश लेन से निकलें। इसके बाद भी कुछ वाहन चालक बाज नहीं आ रहे हैं।

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