फर्जी कॉल सेंटर के शिकारों को ठगी का पता ही नहीं था

ग्रीन रॉक एंटरप्राइजेज नामक फर्जी कॉल सेंटर के बारे में अमेरिका से एक भी शिकायत नहीं। इससे साफ है कि जिन लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही थी उन्हें इस बात का अहसास ही नहीं था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 08:07 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 08:07 PM (IST)
फर्जी कॉल सेंटर के शिकारों 
को ठगी का पता ही नहीं था
फर्जी कॉल सेंटर के शिकारों को ठगी का पता ही नहीं था

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: ग्रीन रॉक एंटरप्राइजेज नामक फर्जी कॉल सेंटर के बारे में अमेरिका से कोई शिकायत नहीं आई है। इससे साफ है कि जिन लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही थी, उन्हें इस बात का अहसास ही नहीं था। उन्हें लग रहा था सेंटर के कर्मचारी उनकी सहायता कर रहे हैं। फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किसी ग्राहक की शिकायत पर नहीं बल्कि सूचना के आधार पर किया गया है।

पिछले शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री उड़नदस्ता गुरुग्राम के प्रभारी इंद्रजीत सिंह को सोहना रोड स्थित जेएमडी मेगापॉलिस मॉल में फर्जी कॉल सेंटर के संचालन की सूचना मिली थी। इसके आधार पर छापेमारी की गई थी। छापेमारी के दौरान सूचना सही मिलने पर सेंटर के संचालकों विक्रम वर्मा व ऋषभ को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई।

उनके मुताबिक वे पिछले महीने 13 जुलाई से सेंटर का संचालन कर रहे थे। सेंटर के कर्मचारी अमेरिका के लोगों को उनके लैपटॉप एवं कंप्यूटर में एंटीवायरस व अन्य सॉफ्टवेयर में पॉप-अप के माध्यम से वैधता समाप्ति का मैसेज भेजते थे। बाद में उनसे संपर्क करके एंटीवायरस (बिट, डिफेंडर, कैस्पर स्काई) के साथ ही अन्य सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर बेचते थे। वे काम इतनी चालाकी से कर रहे थे कि किसी को धोखाधड़ी का अहसास नहीं हुआ। यदि किसी को धोखाधड़ी का अहसास होता तो शिकायत सामने आती। इधर, सदर थाना पुलिस ने आरोपितों के खातों की जांच शुरू कर दी है। फर्जी कॉल सेंटर के बारे में अमेरिका के किसी व्यक्ति की ओर से शिकायत नहीं आई थी, बल्कि स्थानीय स्तर पर सूचना मिली थी कि मॉल में एक फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है। ऐसे में गुरुग्राम पुलिस अपने स्तर पर एफबीआइ से कॉल सेंटर की डिटेल शेयर नहीं करेगी। जब एफबीआइ द्वारा डिटेल मांगी जाएगी, तब शेयर करने के बारे में फैसला लिया जाएगा।

अमन यादव, सहायक पुलिस आयुक्त (सदर), गुरुग्राम

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