भीष्मदास महाराज पर चढ़ाया जाता है शराब का प्रसाद

जागरण संवाददाता, मानेसर : मानेसर गांव में शनिवार को गांव के प्राचीन मंदिर में 72वें मेले का आयोजन कि

By Edited By: Publish:Sat, 24 Sep 2016 09:29 PM (IST) Updated:Sat, 24 Sep 2016 09:29 PM (IST)
भीष्मदास महाराज पर चढ़ाया जाता है शराब का प्रसाद

जागरण संवाददाता, मानेसर : मानेसर गांव में शनिवार को गांव के प्राचीन मंदिर में 72वें मेले का आयोजन किया गया। मंदिर की खास मान्यता है कि मंदिर में बाबा भीष्मदास की मूर्ति पर फलों, मिठाईयों के साथ शराब का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। ऐसा गांव के लोगों का मानना है कि बाबा भीष्मदास महाराज की मूर्ति पर शराब चढ़ाने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। मेले में ही नहीं प्रतिदिन की पूजा में भी बाबा को शराब का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

क्या है मान्यता

बाबा भीष्मदास मुख्य रूप से महेंद्रगढ जिले के भड़फ गांव से हैं। उस समय फौज से सेवानिवृत थे। बाबा भीष्मदास काफी शराब पीते थे। लोगों का कहना है कि बाबा भीष्मदास शराब पीकर कोई भी बात कहते थे तो वो सच होती थी। जब बाबा शराब पीकर मनोकामना पूर्ण होने का आर्शिवाद देते थे तो वो मनोकामना जरूर पूरी होती थी। इसी कारण आज भी हजारों लोग बाबा के मंदिरों में जाते हैं और शराब का प्रसाद चढ़ाते हैं।

हजारों बोतलें हो जाती हैं एकत्रित

मंदिर में प्रसाद में चढ़ाई गई शराब की बोतलों से बाबा को भोग लगा दिया जाता है। इसके बाद जो लोग बोतल को अपने साथ ले जाना चाहते हैं, वो अपने साथ ले जा सकते हैं और कई लोग प्रसाद को मंदिर में ही चढ़ा देते हैं। इन बोतलों को मंदिर कमेटी अपने पास जमा कर लेती है। शाम को इन बोतलों की नीलामी की जाती है।

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बाबा भीष्मदास के पांच मंदिर हैं। बाबा को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाई जाती है। बाबा भी लोगों की मनोकामना को पूरी करते हैं। मंदिर में आने वाली शराब की बोतलों की शाम को बोली लगाई जाती है।

-जयलाल यादव, प्रधान, मंदिर कमेटी।

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